बजट 2021-22: पूरी नहीं हुई राहत की आस, कर्मचारी हुए निराश

Virendra Sharma
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Bhopal Desk, मध्य प्रदेश सरकार madhya pradesh government का वर्ष 2021-22 का बजट budget उपलब्धियों भरा रहकर सरकार भले ही अपनी पीठ थपथपा रही हो लेकिन प्रदेश के विभिन्न कर्मचारी संगठनों employees organisations ने ऐसे घोर निराशाजनक बताया है। कर्मचारी संगठनों ने अलग-अलग प्रेस विज्ञप्ति यों के माध्यम से इस बजट को अरमानों पर पानी फेरने वाला बताते हुए कहा है कि उम्मीद थी कि शिवराज सरकार shivraj government के आने के बाद उनकी कई लंबित मांगे पूरी होंगी लेकिन बजट में कुछ भी ऐसा नहीं है जो उन्हें जरा भी राहत पहुंचा पाए।

इस बजट में कर्मचारियों को सातवें वेतनमान 7th pay scale की अंतिम किस्त का 75% भुगतान और राष्ट्रीय पेंशन योजना में 10 से 14% योगदान देने की बात कही गई है लेकिन कर्मचारियों का कहना है कि इसके अलावा कुछ भी ऐसा नहीं हुआ है जो उनके लिए फायदेमंद हो। अभी भी महंगाई भत्ते dearness allowance की दर केंद्र सरकार central government की तुलना में 5% कम है यानी केंद्र में जहां महंगाई भत्ता सातवें वेतनमान में 17% दिया जा रहा है वहीं मध्यप्रदेश में केवल 12%। जुलाई 2019 से यही स्थिति बनी हुई है। महंगाई भत्ता और 2020 में रुकी वेतन वृद्धि देने की सरकार की घोषणा इस बजट में होगी ,ऐसा कर्मचारियों को लग रहा था। लेकिन उसके बाद भी ऐसा नहीं हो पाया।

मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के कर्मचारी नेता उमाशंकर तिवारी का कहना है कि सरकार को कर्मचारियों का महंगाई भत्ता व अन्य भत्तों में वृद्धि करने की घोषणा तुरंत करनी चाहिए ।वही मंत्रालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष इंजीनियर सुधीर नायक का कहना है कि बाजार में महंगाई अपने चरम पर है, पेट्रोल 100 रू लीटर है ,बच्चों की शिक्षा, चिकित्सा, राशन सहित कई चीजों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है और कर्मचारियों को अपना घर चलाना दूबर हो रहा है। 4 साल से प्रदेश में पदोन्नतिया बंद है, महंगाई भत्ता और वेतन वृद्धि भी बंद है जिसके चलते कर्मचारी निरंतर परेशान हो रहे हैं ।मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के महामंत्री लक्ष्मीनारायण शर्मा का भी कुछ ऐसा ही कहना है। उनका कहना है कि कर्मचारियों के महंगाई भत्ते ,समूह बीमा योजना, स्वास्थ्य बीमा योजना और वार्षिक वेतन वृद्धि के संबंध में आवश्यक राशि का प्रावधान स्वीकृत किया जाना चाहिए ताकि कर्मचारियों को उनकी राशियां समय पर मिल सके।


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