भिंड, गणेश भारद्वाज। एमपी में 28 सीटों पर उपचुनाव (By-election) होना है, इसके पहले दलबदल का सिलसिला तेजी से जारी है।इसी बीच खबर सामने आ रही है कि दो दिन पहले सपा में शामिल हुए कांग्रेस नेता और जिला पंचायत अध्यक्ष रामनारायण हिंडोलिया (Ramnarayan Hindolia) वापस कांग्रेस में शामिल हो गए है।आज बुधवार सुबह जब भी कांग्रेस के कद्दावर नेता डॉक्टर गोविंद सिंह (Dr. Govind Singh) के ग्वालियर स्थित निवास पर मिलने पहुंचे तो उनका मन परिवर्तन हो गया और उन्होंने फिर से कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली। अचानक तेजी से बदले इस घटनाक्रम के बाद सपा में हड़कंप मच गया है।वही बीजेपी को भी बड़ा झटका लगा है, क्योंकि उपचुनाव में अगर वे समाजवादी की ओर से गोहद विधानसभा में प्रत्याशी होते तो कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ती और बीजेपी को फायदा मिलता।हालांकि इसके पहले ही कांग्रेस ने हालातों को संभाल लिया और उनकी वापसी करवा ली।
दरअसल, कांग्रेस के जिला पंचायत अध्यक्ष रामनारायण हिंडोलिया गोहद विधानसभा से मेवाराम जाटव का टिकट घोषित होने से खफा होकर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे, लेकिन मैं उस पार्टी में केवल दो ही दिन रह सके आज सुबह जब भी कांग्रेस के कद्दावर नेता डॉक्टर गोविंद सिंह के ग्वालियर स्थित निवास पर मिलने पहुंचे तो उनका मन परिवर्तन हो गया और उन्होंने फिर से कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली।हिंडोलिया पूर्व मंत्री डॉ. गोविंद सिंह के बेहद करीबी माने जाते थे। पूर्व मंत्री डॉ सिंह ने ही उन्हें जिला पंचायत का अध्यक्ष बनवाया था।
जिला पंचायत अध्यक्ष रामनारायण हिंडोलिया ने उत्तर प्रदेश के सैफई में अखिलेश यादव के सामने समाजवादी पार्टी का दामन थामा था , आज कांग्रेस के कद्दावर नेता डॉक्टर गोविंद सिंह के सामने पुनः कांग्रेस में शामिल हुए और मीडिया से कहा कि कुछ व्यक्तिगत कारणों से मैं परेशान हो गया था , अब कांग्रेस में ही डॉक्टर साहब गोविंद सिंह के साथ ही जीवन कटेगा।
ज्ञात हो कि डॉक्टर गोविंद सिंह ने ही रामनारायण हिंडोलिया को जिला पंचायत अध्यक्ष बनबाया था। हालांकि गत रोज डॉक्टर गोविंद सिंह ने एक बयान में कहा था कि हिंडोलिया के भाजपा में शामिल होने पर उसे दो ढाई सौ वोटो का फायदा हो जाता और हिंडोलिया यदि चुनाव लड़ेंगे समाजवादी पार्टी से तो वे अपने एजेंट भी नहीं बना पाएंगे। अब यह तो आने वाले समय में ही पता चलेगा कि हिंडोलिया की घर वापसी से कांग्रेस को गोहद उपचुनाव में कितना फायदा होगा।