भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। पिछले दिनों हुई लगातार बारिश से प्रदेश में भयावह बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। जिससे प्रदेशवसियों को काफी क्षति पहुंची थी। जिसको लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान(Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास(CM House) में इंटर मिनिस्ट्रियल सेंट्रल टीम(Inter Ministerial Central Team) से मुलाकात की। इस बैठक में अतिवृष्टि से हुए नुकसान को लेकर चर्चा हुई। सीएम शिवराज ने केंद्रीय टीम से कहा कि मैंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रो का दौरा किया है। नुकसान बहुत हुआ है। लोगो को जल्द से जल्द राहत पहुंचाने की आवश्यकता है । वहीँ शिवराज सिंह चौहान ने ये भी कहा है कि हमारी सरकार ने फ़ौरन राहत देने के हर संभव प्रयास किए हैं। आप भी विस्तृत निरीक्षण करें। लोगो से मिले और उनके हुए नुकसान की रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज ने केंद्रीय टीम को जानकारी देते हुए बताया कि मध्य प्रदेश में कुल 231 राहत शिविर स्थापित किए गए। अगस्त माह में अतिवृष्टि और बाढ़ से 24 जिलों में लगभग 15 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों का नुकसान का आंकलन है। वहीं करीब 17 लाख किसान प्रभावित हुए अतिवृष्टि और बाढ़ के दौरान उज्जैन, देवास, इंदौर, खरगोन, खंडवा, भोपाल, सीहोर, रायसेन, विदिशा, होशंगाबाद, हरदा, निवाड़ी, नरसिंहपुर, बालाघाट, छिंदवाड़ा और सिवनी से कुल 22546 लोग रेस्क्यू किए गए। सीएम शिवराज ने अतिवृष्टि से फसलों के नुकसान की जानकारी दी। बाढ़ अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त केंद्रीय टीम को मकानों की जानकारी भी दी गई।
सीएम शिवराज ने बैठक में अतिवृष्टि से हुई जानकारी देते हुए केंद्रीय निरीक्षक टीम को कहा कि देवास में सामान्य से 39% अधिक वर्षा दर्ज की गई। सीहोर में सामान्य से 37% अधिक वर्षा दर्ज की गई इंदौर में सामान्य से 34% अधिक वर्षा दर्ज की गई। वहीँ छिंदवाड़ा में सामान्य से 32% अधिक वर्षा हुई रायसेन में सामान्य से 28% अधिक वर्षा जबकि भोपाल में सामान्य से 29% अधिक वर्षा दर्ज की गई। इधर आगर-मालवा में सामान्य से 26% अधिक वर्षा दर्ज की गई।
इसके अलावा मध्यप्रदेश में स्थित सभी बांधों की तत्कालीन जानकारी दी गई। इन बांधों में बरगी, तवा, बारना, इंदिरा सागर, ओमकारेश्वर, संजय सरोवर, राजीव सागर, कोलार, केरवा, पेंच इत्यादि बांध थे। मध्यप्रदेश सरकार ने सेंट्रल टीम को नुकसान की जानकारी दी। प्रेजेंटेशन के माध्यम से ये सारी जानकारी बैठक में दी गई। अतिवृष्टि से हुए नुकसान को लेकर चर्चा हुई। जिसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय टीम से अपील की है कि जल्द से जल्द निरिक्षण का कार्य पूरा करें ताकि प्रदेशवसियों के नुकसान की भरपाई की जा सके।