दिशा रवि के समर्थन में कांग्रेस, दिग्विजय ने कहा शर्मनाक, प्रियंका ने लिखी शायरी  

Atul Saxena
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट।  किसान आंदोलन (Farmers Protest) के दौरान 26 जनवरी को हुए दिल्ली हमले (Delhi attack) में टूलकिट (Toolkit) कनेक्शन सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस (Delhi Police) द्वारा गिरफ्तार की गई क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि (Climate Activist Disha Ravi)के समर्थन में अब विपक्ष आवाज उठाने लगा है।  कांग्रेस (Congress) ने दिशा की गिरफ़्तारी को गलत और शर्मनाक बताया है।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra)ने अलग अंदाज में दिशा रवि (Disha Ravi)की गिरफ़्तारी का विरोध करते हुए  किया है। प्रियंका ने अपने ट्विटर (Twitter) एकाउंट पर एक शेर लिखा है –  डरते हैं बंदूकों वाले एक निहत्थी लड़की से, फैले हैं हिम्मत के उजाले एक निहत्थी लड़की से। इसी के साथ प्रियंका ने तीन हैशटैग #ReleaseDishaRavi, #DishaRavi, #IndiaBeingSilenced लगाकर दिशा की रिहाई की मांग की है।

उधर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री  एवं कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने भी दिशा रवि (Disha Ravi) की गिरफ़्तारी पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने ट्वीट (Tweet) किया – ग्रेटा थुनबर्ग द्वारा साझा ‘टूलकिट’ पर 21 साल की दिशानी रवि को किसने गिरफ्तार किया?बिल्कुल शर्मनाक। ग्लोबल क्लाइमेट चेंज से जुड़े एक युवा एक्टिविस्ट पर अजीब आरोप लगाया जा रहा है !!

उन्होंने दूसरे ट्वीट में लिखा – अगर ऐसा है तो मलाला और ग्रेटा थुनबर्ग जैसे युवा अपराधी होंगे !! हम कहां जा रहे हैं?

 

गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने दिशा रवि पर आरोप लगाया कि भारत के खिलाफ वैमनस्य फैलाने के लिए दिशा रवि (Disha Ravi) और अन्य ने खालिस्तान-समर्थक समूह ‘पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन’ के साथ साठगांठ की। दिल्ली पुलिस (Delhi Police)  के मुताबिक ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) के साथ टूलकिट (Toolkit) साझा करने वालों में से दिशा रवि (Disha Ravi) भी एक थी। पुलिस ने दिशा रवि (Disha Ravi) को उनके घर से हिरासत में लिया और बाद में टूलकिट (Toolkit) बनाने के साथ उसके प्रचार-प्रसार में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया गया।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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