नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। विश्वव्यापी कोरोना संक्रमण (Corona infection) से लडने की मुहिम शुरू हो चुकी है। एक तरफ जहां अमेरिका (USA) में फाइजर (Flizer) कोरोना वैक्सीन को अमेरिकी सरकार ने मंजूरी दे दी है। वहीं अब अमेरिकी लोगों को कोरोना वैक्सीन (corona vaccine) का टीका लगना शुरू हो चुका है। हालांकि अगर हम भारत की बात करें तो भारत में कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत नए साल के जनवरी से हो सकती है। यह दावा सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (Serum Institute of Technology) के सीईओ अदार पूनावाला ने किया है।
दरअसल अदार पूनावाला ने कहा है कि हमें विश्वास है जनवरी से देशभर में कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत हो जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि सीरम (Serum) के वैक्सीन को इस महीने के अंत तक इमरजेंसी इस्तेमाल (Emergency Use) की इजाजत मिल सकती है। जबकि इस वैक्सीन के व्यापक उपयोग को लाइसेंस (License) के बाद ही इजाजत मिलेगी। अदार पूनावाला ने कहा कि उनकी कंपनी का फोकस है एस्ट्रेजनेका (AstraZeneca) की वैक्सीन सबसे पहले सिरम कंपनी भारत को दें। उसके बाद दुनिया के अन्य देशों में यह व्यक्ति सप्लाई की जाएगी। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (SIT) के सीईओ अदार पूनावाला की माने तो जनवरी से शुरू होकर ये टीका अक्टूबर 2021 तक भारत के सभी लोगों को लग जाएगा। इसके बाद भारत में जनजीवन सामान्य हो सकता है।
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टीकाकरण का डिस्ट्रीब्यूशन
वहीं दूसरी तरफ कोरोना वैक्सीन आने के बाद देश में टीकाकरण के लिए उसके डिस्ट्रीब्यूशन को लेकर भी तैयारी की जा रही है। इसके मुताबिक रिस्क फैक्टर (Risk factor) के आधार पर हेल्थ वर्कर, फ्रंटलाइन वर्कर के अलावा ऐसे राज्यों को वैक्सीनेशन सबसे पहले उपलब्ध कराई जाएगी। जहां पर 50 साल से ज्यादा उम्र वाले लोग अधिक हैं। जिससे यह तो तय है कि घनी आबादी होने के कारण यूपी (UP) को सबसे पहले कोरोना वैक्सीन दी जाएगी।
जिसके बाद केरल (Kerala), तमिल नाडु (Tamil Nadu) महाराष्ट्र (Maharashtra) और बिहार (Bihar) जैसे राज्यों को वैक्सीन उपलब्ध होगी क्योंकि इन राज्यों में 50 की उम्र से ज्यादा की जनसंख्या होने के साथ-साथ हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure) वाले मरीजों की संख्या भी अधिक है। केरल में एक चौथाई आबादी डायबिटीज (Diabetes) से पीड़ित है। जिसके कारण वैक्सीनेशन का बंटवारा रिस्क ट्रैक्टर पर किया जाएगा। जबकि इन सभी राज्यों के बाद मध्य प्रदेश (Madhya pradesh) का नंबर आएगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से वैक्सीन के लिए गाइडलाइन
वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से 1200 पेज का एक दस्तावेज भी सामने आया। जिसमें संभावना जताई गई है कि 6 से 8 महीने में देश के 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने की तैयारी की जा रही है। वही एक सेशन में 100 लोगों को टीका लगाया जा सकेगा। गाइडलाइन के मुताबिक राज्य और केंद्र शासित राज्य स्वयं वैक्सीनेशन का दिन और तारीख तय कर सकेंगे। इसके लिए कोरोना वैक्सीन के 60 करोड़ डोज कंपनियों से खरीदे जाएंगे।
तीन वैक्सीन की चर्चा सबसे ज्यादा
ज्ञात हो कि अबतक तीन वैक्सीन की चर्चा सबसे ज्यादा है। जिनमे फाइजर और एस्ट्रोजेनका के बाद Sputnik-V का नाम शामिल है। हलाकि भारत सहित अन्य देशों ने अबतक सबसे ज्यादा ऑर्डर ऑक्सफर्ड के एस्ट्रोजेनका की वैक्सीन के लिए दिए हैं। 11 दिसंबर तक 2.47 बिलियन डोज के ऑर्डर एस्ट्रोजेनका के लिए है हैं। जबकि मॉडर्ना को 29 मिलियन डोज के ऑर्डर और मिले। वहीँ फाइजर और बायोएनटेक की वैक्सीन के ऑर्डर्स में खासा इजाफा देखने को मिला है। 11 दिसंबर तक उसके पास 719 मिलियन डोज के ऑर्डर थे।