भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में लिव-इन (Live-in relationship) में रहने वाले प्रेमी जोड़े के लिए राहत भरी खबर है। दरअसल मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (MP Highcourt) की ग्वालियर बेंच ने आज एक इंटरेस्टिंग फैक्ट्स सुनाया है। जिसके जरिए एक युवक और युवती को लिव-इन में रहने की अनुमति दे दी गई है। इतना ही नहीं हाई कोर्ट (High Court) लिव-इन में रह रहे कपल (couple) की निगरानी भी करेगा।
दरअसल मामला मुरैना जिले का जहां के वीर सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में वीर सिंह का दावा था कि उसकी गर्लफ्रेंड संध्या उसके साथ रहना चाहती है लेकिन संध्या के परिवार वाले इसके लिए राजी नहीं है। इसके अलावा संध्या को परिवार वालों ने घर में कैद कर दिया। जिस पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने याचिका की सुनवाई करते हुए वीर सिंह की गर्लफ्रेंड संध्या से उसकी राय मांगी। वही गर्लफ्रेंड संध्या द्वारा वीर सिंह के साथ लिव इन रिलेशन में ही रहना स्वीकार किया गया है।
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सभी पक्षों की सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ग्वालियर बेंच द्वारा कपल को साथ रहने की अनुमति दी गई है। इस मामले में हाई कोर्ट का कहना है कि युवक युवती व्यस्क हैं और साथ रहना चाहते है। इसलिए उन्हें रोका नहीं जा सकता। हालांकि मामले में हाईकोर्ट ने बीच का रास्ता भी निकाला है।
हाईकोर्ट का कहना है कि युवक को इस बात का शपथ पत्र देना होगा कि युवती को सुखी रखेगा। इसके साथ ही साथ हाई कोर्ट में हर महीने एक रिपोर्ट पेश करनी होगी कि प्रेमिका अपने प्रेमी के साथ लिव इन रिलेशनशिप में सुख से रह रही है या नहीं। पैरा लीगल वालंटियर हर सप्ताह कपल के पास जाकर हालत का जायजा लेंगे और मंथली रिपोर्ट हाईकोर्ट में जमा करेंगे।