भोपाल डेस्क रिपोर्ट। भोपाल के जयप्रकाश जिला चिकित्सालय में बदसलूकी से आहत होकर इस्तीफा देने वाले डॉक्टर ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है। उन्होंने यह कदम स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी के कहने से उठाया है ।स्वास्थ्य मंत्री ने उन्हें इस मामले में उचित कार्रवाई का आश्वासन भी दिया है।
डॉक्टर से बदसलूकी की शिवराज ने की निंदा, आहत डॉक्टरों ने दी आंदोलन की चेतावनी
पूर्व मंत्री पीसी शर्मा और कांग्रेस के पूर्व पार्षद योगेंद्र सिंह चौहान गुड्डू के नेतृत्व में भीड़ द्वारा की गई बदसलूकी से आहत होकर अपना इस्तीफा देने वाले डॉक्टर योगेंद्र श्रीवास्तव ने इस्तीफा वापस ले लिया है। दरअसल मामला स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभु राम चौधरी के पास पहुंचा था और चौधरी ने उन्हें समझाया कि कोरोना के इस संक्रमण काल में जनता को उनकी बहुत जरूरत है और उनकी सेवाओं के बिना बहुत सारे लोग लाभ से वंचित रह जाएंगे। स्वास्थ्य मंत्री ने उन्हें यदि भरोसा दिलाया कि उनका सम्मान सरकार का सम्मान है और सरकार उनके सम्मान की पूरी रक्षा करेगी ।इस पूरे मामले में जो भी कानूनी कार्रवाई होगी वह की जाएगी । चौधरी के आग्रह को मान डॉक्टर योगेश श्रीवास्तव ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है।
पूर्व मंत्री समर्थकों द्वारा डॉक्टर से बदसलूकी, आहत डॉक्टर ने दिया इस्तीफा
क्या था मामला
भोपाल के जयप्रकाश जिला चिकित्सालय में शनिवार की दोपहर कोविड वार्ड के प्रभारी डॉ योगेंद्र श्रीवास्तव ड्यूटी पर थे कि दोपहर 12 बजे पंचशील नगर निवासी 36 वर्षीय युवक बेहद खराब स्थिति में उनके पास लाया गया ।डॉक्टर के अनुसार उस मरीज का ऑक्सीजन सैचुरेशन काफी कम था और उन्होंने बता दिया था कि उसके बचने की संभावना बेहद कम है और क्योंकि अस्पताल में बेड खाली नहीं और उसे कहीं ले भी नहीं जाया जा सकता इसीलिए उन्होंने इमरजेंसी रूम में ही उसकी भरसक कोशिश की लेकिन दोपहर लगभग 2.30 पर मरीज की मौत हो गई। मौत के बाद गुस्साए कांग्रेस नेताओं ने पूर्व मंत्री पीसी शर्मा और पूर्व पार्षद योगेंद्र चौहान गुड्डू के नेतृत्व में डॉक्टर को घेर लिया ।उनके साथ बदसलूकी की और उन्हें अपमानित किया ।डॉक्टर इस कदर घबरा गए कि वे रोने लगे और थोड़ी देर बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
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डाक्टर के इस्तीफे के बाद मामला गरमा गया था और खुद सीएम शिवराज ने इस घटना की निन्दा की थी।उन्होंने ट्वीट में लिखा था कि “हमारे कोरोना वारियर्स लगातार अपनी जान दांव पर लगाकर पीड़ित मानवता की सेवा में कार्यरत हैं। मैं स्वयं भी कई बार अपील कर चुका हूं कि हम सभी को एकजुट होकर राजनीति से ऊपर उठकर इन सभी का सहयोग करना चाहिए और उनका मनोबल बढ़ाना चाहिए ताकि वह और बेहतर तरीके से समाज की सेवा कर सके।” शिवराज ने लिखा था कि “आज भोपाल के जेपी अस्पताल में जिस प्रकार कुछ लोगों ने डॉक्टर और वहां मौजूद स्टाफ के साथ अभद्र व्यवहार किया, हंगामा खड़ा किया, वह हमारे लिए बेहद शर्मनाक है ।किसी भी व्यक्ति को हमारे डॉक्टर के साथ दुर्व्यवहार करने का कोई अधिकार नहीं है।” शिवराज ने यह भी लिखा था कि “आज की घटना के कारण जेपी अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने अत्यंत व्यथित होकर इस्तीफा तक सौंप दिया। हम एक सभ्य समाज में रह रहे हैं। इस समय जब साथ मिलकर खड़े होने की जरूरत है, ऐसे में हंगामा करना ना तो जनहित में है और ना ही इससे कोविड-19 का मुकाबला किया जा सकता है।” उन्होंने आगे लिखा था कि “आज जेपी अस्पताल में जो घटना हुई, ऐसी घटनाओं से दिन और रात का रेट हमारे डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, और चिकित्सा सेवाओं से जुड़े लोगों का मनोबल गिरता है। मैं पुनअपील करता हूं कि सभी लोग सब और जिम्मेदार नागरिक होने का परिचय दें, डॉक्टर्स का मनोबल गिराने की जगह उनका मनोबल बढ़ाएं।”
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इसके साथ ही मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ देवेंद्र गोस्वामी ने इस घटना की निंदा करते हुए संबंधित लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की थी। उनका कहना था कि ऐसे समय में जब हम जान जोखिम में डालकर लोगों की सेवा कर रहे हैं ,इस तरह का व्यवहार अत्यंत निंदनीय है और यदि इसमें कानूनी कार्यवाही नहीं की गई तो डॉक्टर आंदोलन की राह पर जाएंगे।