ग्वालियर-चम्बल तय करेंगे मध्यप्रदेश में सरकार का भविष्य, मैदान में डटी शिवराज, तोमर और सिंधिया की तिकड़ी

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। चुनाव (Election) की अधिकृत रणभेरी भले ही ना बजी हो पर राजनीतिक दलों (Political Parties) ने अभी से विधानसभा क्षेत्र में उप चुनाव का बिगुल फूंक दिया है। कांग्रेस (Congress) हो या भाजपा (BJP) दोनों प्रमुख दलों का फोकस ग्वालियर चंबल (Gwalior Chambal) पर है। इस इलाके में मिलने वाली सीटें सरकार (Government) का भविष्य जो तय करने वाली है। वहीं पहली बार उपचुनाव (By-election) में के समर में कूदी बसपा (BSP) भी खम ठोक रही है। उससे मिलने वाले वोटों के नफा नुकसान का आकलन भी दोनों दल कर रहे हैं।

कांग्रेस ने अपनी 15 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है उसमें से सबसे ज्यादा 9 इसी अंचल के है। अब इस अंचल से 7 प्रत्याशी और घोषित होने हैं, जिनमें से 2 से 3 सीटों पर प्रत्याशी तय माने जा रहे हैं। पिछले बार हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इस अंचल में बंपर जीत दर्ज की थी, तब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने में इस अंचल में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। अब राजनीतिक परिदृश्य बदला हुआ है और इस अंचल के प्रमुख नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) भाजपा में है और उनके समर्थकों के इस्तीफे के कारण ही उप चुनाव हो रहे हैं। सिंधिया के करिश्मे को भाजपा जानती है पर तल्ख सच्चाई यह भी है कि इस अंचल में कांग्रेस का अपना वोट बैंक है और जातिगत गणित यहां बेहतर मायने रखता है। यही वजह है कि भाजपा के दिग्गज यहां पूरी ताकत लगा रहे हैं।


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Kashish Trivedi

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