भोपाल।
कोरोना संक्रमण के चलते फिलहाल शिवराज सिंह चौहान अपना मंत्रिमंडल नहीं बना पा रहे हैं लेकिन यह लगभग तय है कि अप्रैल के दूसरे पखवाड़े तक वे अपने मंत्रिमंडल का गठन कर लेंगे। यह बात भी तय मानी जा रही है कि वे मंत्रिमंडल के अधिकतम 35 सदस्यों में से प्रथम चरण में लगभग 30 मंत्रियों को शपथ दिलाएंगे। इनमें पहले दस स्थान सिंधिया समर्थक विधायकों के लिए तय है जिनमें प्रभु राम चौधरी, तुलसीराम सिलावट ,गोविंद सिंह राजपूत, इमरती देवी, महेन्द्र सिसोदिया और प्रधुम्न सिंह तोमर शामिल है।
इसके अलावा सिंधिया के एक अन्य समर्थक राजवर्धन सिंह दत्तीगांव को भी मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी ।बिसाहू लाल सिंह ,एन्दल सिंह कंसाना और हरदीप सिंह डंग का भी मंत्री बनना तय है। शेष बचे 20 स्थानों पर भाजपा के कई कद्दावर नेताओं के लिए स्थान सुरक्षित माने जा रहे हैं जिनमें नरोत्तम मिश्रा भूपेंद्र सिंह ,गोपाल भार्गव, सीताशरण शर्मा, रामपाल सिंह राजेंद्र शुक्ला, केदारनाथ शुक्ला, कुंवर विजय शाह, जगदीश देवड़ा, यशपाल सिंह सिसोदिया, ओमप्रकाश सकलेचा, रमेश मेंदोला, मालिनी गौड़, महेंद्र हार्डिया, नीना वर्मा ,मीना सिंह, संजय पाठक ,नारायण त्रिपाठी, अजय विश्नोई, हरिशंकर खटीक ,गौरीशंकर बिसेन, नागेंद्र सिंह, विजेंद्र प्रताप सिंह जैसे कद्दावर नेता शामिल है। इसके अलावा भिंड के अटेर के अरविंद सिंह भदोरिया भी सरकार बनाने में महत्वपूर्ण योगदान होने के कारण प्रबलतम के दावेदार हैं। इसके चलते यह साफ लगता है कि सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे सपा के राजेश शुक्ला और बसपा के संजीव सिंह कुशवाह व रामबाई व चारों निर्दलीयों में से किसी को भी मंत्री नहीं बनाया जाएगा। इन निर्दलीयों में से एक प्रदीप जायसवाल पिछली सरकार में मंत्री थे और दोबारा मंत्री बनने की प्रत्याशा में ही उन्होंने अपना समर्थन शिवराज सरकार को दिया था।