Indian bank ने अपने कर्मचारियों के खिलाफ उठाया कुछ ऐसा कदम कि हर जगह हो रही आलोचना

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इंडियन बैंक ने गर्भवती महिलाओं को नौकरी के लिए योग्य बताया वहीँ उसके इस कदम की कई संगठनों द्वारा कड़ी आलोचना की गयी है, लेकिन बैंक ने अभी तक इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है। इससे पहले, जनवरी माह में भारतीय स्टेट बैंक (sbi) ने इसी तरह के नियम लागू किए थे।

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क्या कहते हैं नियम

नियम कहता है कि तीन माह से अधिक अवधि की ‘गर्भवती महिला उम्मीदवार’ ऑफिस work करने के लिए ‘‘अस्थायी रूप से अयोग्य’’ हैं । इस नियम की श्रमिक संगठनों और दिल्ली के महिला आयोग समेत समाज के कई तबकों ने महिला-विरोधी बताया और इसे निरस्त करने की मांग की है। जिसके बाद sbi ने इस नियम को फ़िलहाल के लिए निरस्त करना पड़ा।

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डीसीडब्ल्यू (DCW) ने अपने नोटिस में बताया, कि ‘इंडियन बैंक का यह कदम ‘‘भेदभावपूर्ण और अवैध’’ है साथ ही यह ‘सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020’ में दिए गए मातृत्व लाभों के ठीक विपरीत है। साथ ही DCW ने इसे लिंग के आधार पर भेदभाव बताया है, जो कि भारत के संविधान में दिए गये मानव अधिकारों के साथ-साथ उसके मौलिक अधिकारों का भी हनन करता है, साथ ही इसे उन संवेदनाओं के भी खिलाफ बताया है जो एक महिला के ममत्व से जुड़ा हुआ है। डीसीडब्ल्यू ने एक बयान में बताया है कि ‘उसने इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक को भी संज्ञान लेने हेतु पत्र भेजा है।

MPBreakingnews जैसे संस्थान भी महिलाओं के सशक्तिकरण और पीरियड लीव का समर्थन करते हैं, और एक राष्ट्रीय संस्थान द्वारा उठाये गये इस तरह के कदम की निंदा भी करते हैं।


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Ram Govind Kabiriya

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