भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में 28 सीटों पर उपचुनाव (Jitu Patwari) के लिए वाेटिंग हो चुकी है और EVM में प्रत्याशियों की किस्मत कैद हो गई है। अब 10 नवंबर को परिणाम घोषित किए जाएंगे जिसका बाद पता चलेगा मध्यप्रदेश की सियासत पर कौन राज करेगा, लेकिन इसके पहले बयानों की बौछारों का सिलसिला जारी है। अब पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी (Former Minister Jeetu Patwari) का बड़ा बयान सामने आया है।
जीतू (Jeetu Patwari) का कहना है कि मुझे डर है कि एक-दो दिन में पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाकर वसूली चालू ना कर दें। इस सरकार को 10 तारीख तक कोई नीतिगत निर्णय नहीं लेना चाहिए। क्योंकि यह सरकार जाने वाली है और कमलनाथ आने वाली है।
आज जीतू ने प्रेसवार्ता कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan), राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia समेत तमाम BJP पर गंभीर आरोप लगाए। जीतू ने कहा कि मप्र में जनहित से चुनी हुई सरकार को गिराने की साजिश सीएम शिवराज और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने की। 28 विधानसभा क्षेत्रों की जनता शिवराज और सिंधिया को उनके द्वारा किये गया महापाप की महासजा देने जा रही है।
जीतू ने आगे कहा कि सीएम शिवराज (Shivraj Singh Chauhan) ने जिन 28 विधानसभा (28 Assembly) क्षेत्रों में जो करोड़ो के विकास कार्यो के नारियल फोड़े उसके चलते मप्र की आर्थिक स्थिति गड़बड़ हो गयी है। ये सरकार 10 नवंबर तक कोई नीतिगत फैसले न ले क्योंकि ये सरकार जाने वाली है।
जीतू ने कहा कि अगर हमारी सरकार पांच साल में कोई काम नहीं करती तो जनता तय करती की कांग्रेस का क्या करना है। 2018 के विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मप्र में दो नेताओं को भेजा था पहले कमलनाथ (Kamal Nath) जी थे और दूसरे सिंधिया थे, लेकिन सिंधिया ने हमारी पीठ में छुरा खोप दिया।एक पिता अपने सोते हुए बच्चों को गोली मार दे ऐसा कृत्य सिंधिया ने किया है,जिसे हमने आगे किया, उसी ने अहम, अहंकार से ऐसी परिस्थिति निर्मित की, जिससे उनका 200 साल पुराना इतिहास याद आ गया। जो व्यक्ति अपने आप को अति लोकप्रिय कहता था, चुनाव में कुर्सियां खाली रहीं। वही सिंधिया परिवार के वोट न डालने पर कहा – सिंधिया परिवार ने लोकतंत्र का अपमान किया है।
जीतू ने कहा कि नगरीय निकायों को जो 324 कराेड़ रुपए देना थे, वह 200 करोड़ रुपए रिलीज कर रहे हैं। 6 महीने से नगरीय निकाय कर्मचारियों की सैलरी नहीं बंटी है। बीजेपी ने 7 महीने जो कुकृत्य किए हैं, उससे मप्र कहां आकर खड़ा हो गया। शिवराज जी सिर्फ घोषणा करते हैं, जिससे उनकी सरकार बची रहे। मप्र की आर्थिक हालत को बिगाड़ दिया है।