भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। चुनावी दौर में प्रतिष्ठा दांव पर लगाने के बाद राज्यसभा सदस्य व वरिष्ठ भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया (Rajyasabha Member And Senior BJP Leader Jyotiraditya Scindia) अपनी संवाद शैली के जरिए मतदाताओं (Voters) को हंसाने गुदगुदाने और मनोरंजन (Entertainment) के साथ नसीहत देकर अपने प्रत्याशियों के समर्थन में वोट जुटाने की कोशिश कर रहे हैं। इससे भाजपा गदगद है।
चुनावी रण में सिंधिया की भाषा शैली तो हमेशा से ही चर्चाओं में रही है और जनता को प्रभावित भी करती रही है। 2018 के चुनाव में ग्वालियर चंबल क्षेत्र में भाजपा को नुकसान पहुंचाने में सबसे बड़ा हाथ सिंधिया का ही था। लेकिन अब सिंधिया उसी भाजपा के पाले में है और किसी भी तरह उसे चुनाव जिताने में लगे हैं। 2018 में जो सिंधिया बीजेपी के खिलाफ दहाड़ थे, अब वह कमलनाथ और दिग्विजय (Kamal Nath And Digvijay Singh) को निशाने पर लेते हुए कांग्रेस के 15 महीने की सरकार की नाकामी गिना रहे हैं।
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अपने घर के त्याग का जिक्र भी करते
सिंधिया के किसी भी सभा में ऐसा कोई मौका नहीं आता जब वे दिग्विजय और कमलनाथ को बड़ा भाई और छोटा भाई बता कर जनता को गुदगुदाया ना हो। सिंधिया की कोशिश होती है कि जहां सभा चल रही होती है उसी स्थान और मौके के हिसाब से मतदाताओं का दिल जीता जाए। वह अपने भाषण में नैतिक और राजनीतिक मूल्यों के लिहाज से सिंधिया घराने के त्याग और सेवा भाव को दर्शाते हुए खुद को जनसेवक बता रहे हैं।