भोपाल।
कोरोना पॉजिटिव पाए गए स्वास्थ्य संचालक विजय कुमार बी की बड़ी लापरवाही सामने आई है। कोरोना से संक्रमित होने के बाद इलाज कराने के लिए विजय कुमार बजाए कोविड-19 के लिए चयनित किए गए चिरायु अस्पताल या एम्स की बजाए एक निजी अस्पताल में जाकर भर्ती हो गए। ऐसा करके उन्होंने अस्पताल में भर्ती अन्य मरीजों, डॉक्टरों और पैरामेडिकल की लिए भी खतरा पैदा कर दिया है। दरअसल कोविड-19 के मरीजों के लिए विशेष रुप से अस्पताल चिन्हित किए गए हैं जिसमें भोपाल में एम्स और चिरायु अस्पताल शामिल है। इन अस्पतालों में सिर्फ और सिर्फ कोविड-19 के मरीज ही भर्ती किए जाते हैं और इनके लिए विशेष प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है। उदाहरण के लिए इनके लिए काम करने वाले डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ अपने घर नहीं जाते बल्कि रहने की व्यवस्था कहीं अलग कुछ क्वॉरेंटाइन में करते हैं ।28 दिन के प्रोटोकॉल का पालन करने के बाद ही डॉक्टर पैरामेडिकल स्टाफ अपने घर जाते हैं ।अब विजय कुमार ने ऐसी लापरवाही क्यों कि यह समझ से परे है लेकिन एक सवाल निजी अस्पताल पर भी खड़ा होता है कि आखिरकार जब उन्हें पता था कि विजय कुमार कोविड-19 पॉजिटिव है तो फिर उन्होंने उन्हें एडमिट किया ही क्यों।