MP उपचुनाव : अपने पाले के विधायकों को बचाने में लगी पार्टियां, निगरानी तंत्र सक्रिय

Kashish Trivedi
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (Madhya pradesh) में मार्च से अब तक हुए हाईवोल्टेज ड्रामे (highvoltage drama) के बाद उपचुनाव (by-election) के लिए मतदान (voting) संपन्न हो गया है। हालांकि मतदान (voting) के बाद और नतीजे आने से पूर्व राजनीतिक पार्टियों (Political parties) के दिग्गजों एक-दूसरे पर विधायक (MLA) खरीद-फरोख्त का आरोप लगा रहे हैं। पार्टियों के नेताओं का मानना है कि विपक्षी पार्टी के लोग उनके पार्टी के विधायकों से लगातार संपर्क में है और उन्हें साधने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में राजनीतिक पार्टियां अपने अपने विधायकों को लेकर सचेत हो गई है।

मध्य प्रदेश के इतिहास में पहली बार हुए 28 सीटों पर उपचुनाव के बाद अब राजनीतिक परिवेश में बड़ा बदलाव देखा गया है। इस बार पार्टियों को जीत हार से ज्यादा अपने-अपने विधायकों को अपने पक्ष में रखे जाने की चिंता सता रही है। पार्टियों लगातार अपने-अपने विधायकों से संपर्क में है और अन्य राजनीतिक दलों का उनसे हस्तक्षेप पर रोक लगाने की कोशिश में है। प्रदेश में हुए बड़े उलटफेर के बाद राजनीतिक पार्टियां मुस्तैदी से अपने विधायकों की निगरानी में लगी हुई है।


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