भोपाल, डेस्क रिपोर्ट| कोरोना सक्रमण (Corona Infection) के कारण स्थगित किये गए विधानसभा के शीतकालीन सत्र (MP Assembly Winter Session) पर महीने भर बाद कांग्रेस ने आपत्ति जताई है| कांग्रेस (Congress) के मुताबिक कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने साजिश कर विधानसभा का सत्र स्थगित कराया। कांग्रेस ने विधानसभा सचिव को विशेषाधिकार हनन और सभा की अवमानना की कार्यवाही की सूचना दी है।
नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ की तरफ से विशेषाधिकार हनन और विधानसभा की अवमानना की कार्रवाई की सूचना दी गई है। यह सूचना विधानसभा कार्य संचालन संबंधी नियम 164 के तहत दी गई है। कांग्रेस का आरोप है कि विभाग के अधिकारियों ने विधानसभा में आयोजित सर्वदलीय बैठक में कोरोना संक्रमण के गलत आंकड़े पेश किए और वास्तविक तथ्य छुपाकर सभी को गुमराह किया।
कांग्रेस ने पत्र में कहा मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र को निरस्त कराने में अपर सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मो.सुलेमान, आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं डॉ संजय गोयल और भोपाल जिले के सीएमएचओ डॉ प्रभाकर तिवारी की भूमिका पूर्णता संदिग्द और साजिश पूर्ण है| इन तीनों अधिकारियों ने मिलकर स्वयं के स्तर पर या किसी से प्राप्त निर्देशों के तहत संवैधानिक रूप से 27 नवंबर 2020 को मध्यप्रदेश विधानसभा सचिवालय द्वारा जारी सत्र की अधिसूचना को निरस्त कराने में भूमिका अदा की| इसके लिए इन अधिकारियों ने विधान सभा सचिवालय और विधायक विश्राम गृह में फर्जी कोरोना की साजिश रची और सर्वदलीय बैठक में कोरोना पीड़ितों के गलत आंकड़े प्रस्तुत किए और कई तथ्य छिपाए| ऐसा करके इन अधिकारियों ने भारतीय संविधान के अंतर्गत निष्ठा एवं ईमानदारी की शपथ का उल्लंघन किया और जनहित के विरुद्ध कार्य किया| मध्य प्रदेश राज्य के गठन के समय से शीतकालीन सत्र की चली आ रही परंपरा में व्यवधान डालकर संवैधानिक रूप से सत्र में भाग लेने के सदस्यों के विशेष अधिकारों का हनन किया है | यह सदन की अवमानना की है
कांग्रेस का आरोप है कि ऐसा इसलिए किया गया, ताकि विधानसभा सत्र को स्थगित किया जा सके। स्वास्थ्य विभाग की यह साजिश जनहित के खिलाफ है। कांग्रेस ने मांग की है कि दोषियों को ऐसा दंड दिया जाए कि आने वाले संसदीय इतिहास के लिए सबक बने|