भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश में सरकारी भर्ती के नियम (Government recruitment rules) में बदलाव इस साल देखने को मिल सकते हैं। इसके लिए गठित समिति ने प्रारंभिक रिपोर्ट (preliminary report) तैयार कर ली है। वहीं लिपिकीय संवर्ग में जो नए कर्मचारी आएंगे। वह ग्रेजुएट ही रहेंगे। इसलिए आगे भी यही योग्यता निर्धारित की गई है। माना जा रहा है कि जल्द ही सरकारी भर्तियों में यह अहम बदलाव देखने को मिलेंगे।
दरअसल शिवराज सरकार (shivarj government) ने सरकारी भर्तियों के 45 साल पुराने सेवा भर्ती नियमों के बदलाव के लिए एक समिति गठित की थी। जिसने अपनी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट तैयार कर ली है। यह रिपोर्ट कर्मचारियों से मिले सुझावों के बाद तैयार किया गया। जिसमें क्लर्क भर्ती के लिए योग्यता हायर सेकेंडरी की जगह स्नातक (graduate) रखी गई। इसके साथ ही नॉन पीएससी (non PSC) की भर्ती मैं चयनित हुए अभ्यर्थियों को नौकरी के पहले साल से ही सौ फीसद वेतन दिया जाएगा।
Read More: Indore News: जेल प्रहरी को तत्काल प्रभाव से किया गया निलंबित, यह है पूरा मामला
बता दें कि इससे पहले पहले 70%, दूसरे साल 80 फीसदी, तीसरे साल 90% मानदेय देने का प्रावधान था। कर्मचारियों को 4 साल की नौकरी होने के बाद ही 100% वेतन दिया जाता था। जिसमें अब बदलाव किया गया है।इसके साथ ही सरकार इसी साल प्रदेश में ई फाइलिंग सिस्टम लागू कर रही है। जिसके लिए सरकार को स्नातक और कंप्यूटर में दक्ष कर्मचारियों की जरूरत होगी। इस बिंदु को ध्यान में रखकर क्लर्क सेवा परीक्षा में भी ग्रेजुएशन को मान्यता दी गई है।
बता दें कि सरकारी भर्ती नियमों में बदलाव के लिए इस गठित समिति का अध्यक्ष एनवीडीए आईसीपी केसरी की अध्यक्षता में किया गया था। वहीं कई प्रशासनिक अधिकारी सामान्य प्रशासन विभाग की प्रमुख सचिव सहित इसमें सदस्य बनाए गए थे।