MP School: स्कूल खोले जाने के फैसले पर असहमति, ये है बड़ा कारण

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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना (Corona) की वजह से 9 महीने तक प्रदेश में बंद रहे स्कूल (School) को खोलने की इजाजत राज्य सरकार ने दे दी है। शिवराज सरकार (Shivraj government) ने 18 दिसंबर से 10वीं एवं 12वीं की नियमित कक्षा (Regular classes) लगाने के आदेश जारी किए हैं। लेकिन अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए राजी नहीं है। पालक का कहना है कि जब तक कोरोना की वैक्सीन (vaccine) नहीं आ जाती। तब तक बच्चे को स्कूल बुलाना खतरे से खाली नहीं है। इसके साथ ही अभिभावकों ने सवाल किया है कि आखिर स्कूल के बच्चों की सुरक्षा की गारंटी लेगा कौन।

दरअसल एक तरफ जहां स्कूल संचालक स्कूलों को खोलने की जिद पर अड़े हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ अभिभावक संघ का साफ कहना है कि जब तक कोरोना की वैक्सीन नहीं आती। तब तक बच्चों को स्कूल नहीं भेजा जा सकता है। पालक का कहना है कि सरकार ने फैसले से पहले अभिभावकों की सहमति नहीं ली। इसके साथ ही पालक संघ का सवाल है कि अगर बच्चों कोरोना संक्रमित हो जाता है तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।


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Kashish Trivedi

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