नर्सेस डे पर नर्सों का धरना, अनिश्चितकालीन हड़ताल का दिया अल्टीमेटम

Atul Saxena
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ग्वालियर, डेस्क रिपोर्ट। नर्सेस डे (Nurses Day) पर नर्सेस (Nurses) अपने सेवाकार्य के लिए शक्ति देने के लिए ईश्वर को धन्यवाद देती हैं लेकिन इस बार नर्सेस (Nurses) ने नर्सेस डे (Nurses Day) पर धरना दिया। पूर्व घोषित कार्यक्रमके तहत जीआर मेडिकल कॉलेज (GR Medical College) से सम्बद्ध अंचल के सबसे बड़े अस्पताल जयारोग्य अस्पताल समूह (JAH) की नर्सेस (Nurses) ने आज बुधवार को नर्सेस डे (Nurses Day) पर अपनी मांगों को लेकर सांकेतिक धरना दिया।

ग्वालियर के गजरा राजे मेडिकल कॉलेज  के अंतर्गत आने वाले ग्वालियर अंचल के सबसे बड़े अस्पताल में नर्सेस (Nurses) की कमी को लेकर मध्यप्रदेश नर्सेस एसोसिएशन (Nurses Association)कई बार ज्ञापन दे चुकी है।  एसोसिएशन की मांग है कि जयारोग्य अस्पताल (JAH) में नर्सेस (Nurses) की भर्ती की जाए लेकिन मेडिकल कॉलेज और अस्पताल प्रशासन और ना ही शासन उनकी ये मांग पूरी कर रहा है। एक दिन पहले नर्सेस (Nurses) ने मेडिकल कॉलेज के डीन को ज्ञापन देकर नर्सेस डे (Nurses Day) पर सांकेतिक धरने और फिर उसके बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी भी दी थी।

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अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के मुताबिक आज बुधवार को नर्सेस डे (Nurses Day) पर जयारोग्य अस्पताल समूह (JAH) में कार्यरत नर्सेस (Nurses) ने सांकेतिक धरना दिया और प्रशासन एवं शासन को तीन दिन का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि यदि तीन दिन में नई नर्सों की भर्ती के सम्बन्ध में कोई ठोस फैसला नहीं लिया गया तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली जाएँगी।

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धरने में शामिल नर्सेस (Nurses) ने कहा कि जयारोग्य अस्पताल समूह (JAH) के अस्पतालों में कोरोना काल में बढ़ी मरीजों की संख्या को देखते हुए 1500 नर्सेस (Nurses) होनी चाहिए लेकिन हैं केवल 220 नर्सेस (Nurses)।  इनमें से भी बहुत सी नर्स कोरोना पॉजिटिव हो गई हैं उनके परिवार भी कोरोना संकट से जूझ रहे हैं। हम बीमारी में भी मरीजों की सेवा कर रहे हैं  फिर भी शासन प्रशासन को हमारी चिंता नहीं है। सरकार हमारी मांगों पर ध्यान दे अब हम थक चुके हैं वर्ना अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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