Bhopal Desk–प्रदेश में जहरीली शराब (Poisonous liquor) से हो रही मौतों का मामला लगातार गर्म होता जा रहा है। इस मुद्दे को लेकर अब सियासत भी शुरू हो गई है। बीजेपी प्रदेश मीडिया प्रभारी ने जहां इस मामले में पूर्व मंत्री के रिश्तेदारों पर शराब कारोबार करने का आरोप लगाया है, वहीं पूर्व मंत्री ने इन आरोपों को नकारते हुए सरकार को कार्रवाई करने की चुनौती दी है।
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पहले उज्जैन,फिर मुरैना फिर भिन्ड फिर ग्वालियर, एक के बाद एक कर के जहरीले शराब (Poisonous liquor) से मौतो के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। यह भी सामने आ रहा है कि किस तरह से प्रदेश में शराब की कीमतें ज्यादा होने के चलते शराब की पड़ोसी राज्यों से धड़ल्ले से तस्करी हो रही है। प्रशासन ,पुलिस और आबकारी विभाग इन पर लगाम लगाने में लगातार विफल साबित हो रहा है। हैरत की बात तो यह है कि ग्वालियर में मिल रही शराब में मिथाइल अल्कोहल मिला और यह शराब सरकारी देसी शराब की दुकान से खरीदी गई थी। बात अगर कार्रवाई की करें तो सरकार अभी तक कोई ऐसा सख्त संदेश नहीं दे पाई गई जिससे इन (Poisonous liquor) माफियाओं पर कोई कार्रवाई होती दिखे। इन सबके बीच बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर के एक ट्वीट ने राजनीति को और गरमा दिया है। लोकेंद्र ने ट्वीट करके कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे वरिष्ठ विधायक डॉक्टर गोविंद सिंह के भाई के सालों पर भिंड में शराब दुकानें संचालित करने का आरोप लगाया है। दरअसल गोविंद सिंह ही जहरीली शराब (Poisonous liquor) मामले को लगातार तेजी के साथ उठाते रहे हैं और सरकार पर हमले बोलते रहे हैं।
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इसके जवाब में डॉ गोविंद सिंह ने साफ कहा है कि उनका कोई रिश्तेदार नहीं।वे खुद इन दोनों व्यक्तियों के खिलाफ छह माह पूर्व एक आपराधिक प्रकरण दर्ज करा चुके हैं। गोविंद सिंह ने यहां तक कहा कि शादी के बाद उन्होंने ससुराल का मुंह तक नहीं देखा, उनकी बहने कहां रहती हैं, उन्हें पता नहीं और वह हमेशा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सामाजिक सरोकार के मुद्दों पर लड़ाई लड़ते रहे हैं। उन्होंने बीजेपी को खुली चुनौती दी है कि यदि हिम्मत है तो इन दोनों व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करके दिखाएं। डॉक्टर गोविंद सिंह ने एक बार फिर सरकार पर अवैध शराब माफियाओं को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए कहां कि बिना पुलिस ,प्रशासन और आबकारी विभाग की मिलीभगत के यह कारनामे संभव ही नहीं। उन्होंने पुलिस के ऊपर शराब माफियाओं के साथ मिलकर कारोबार करने का भी आरोप भी लगाया है।
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जहरीली शराब से मौते
11 जनवरी को मुरैना में जहरीली शराब (Poisonous liquor) पीने से 12 लोगों की मौत हो गई थी। मरने वाले दो अलग-अलग गांव के ग्रामीण थे।पुलिस के मुताबिक, सुमावली थाना इलाके के पहावली गांव में 5 और बागचीनी इलाके के मानपुर गांव में 7 लोगों की जहरीली शराब (Poisonous liquor) पीने से मौत हो गई हुई थी वहीं, 7 बीमार हो गये थे।
2-दो दिन पहले लहार विधायक डॉक्टर गोविंद सिंह ने भिंड में होली के दौरान जहरीली शराब (Poisonous liquor) पीने से 5 लोगों की मौत हो जाने का दावा किया था। डॉक्टर गोविंद सिंह ने सीधे तौर पर आरोप लगाया था कि लहार विधानसभा के असनेट और जैतपुर गुड़ा गांव में जहरीली शराब बेची जा रही है। इसी जहरीली शराब को पीकर दोनों गांव में कुल 5 लोगों की मौत हो गई ।
3- दो दिन पहले ही ग्वालियर में जहरीली शराब (Poisonous liquor) पीने से दो लोगों की मौत हो गई और चार लोग बीमार हो गए।पुलिस के मुताबिक कि यह घटना ग्वालियर के महाराजपुरा थाना क्षेत्र के गांव चंदूपुरा की थी। चंदूपुरा गांव ग्वालियर मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूर है।