Gwalior News: पुजारी के अंधे कत्ल का पर्दाफाश, बर्तनों में खाना बनाने पर हुआ था विवाद

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। पुलिस ने 15 दिन पहले हुए एक मंदिर पुजारी के अंधे कत्ल (Blind Murder)  की गुत्थी को सुलझा लिया है। आरोपी पुजारी के पास आता जाता था। मामूली बात पर उनके बीच विवाद हुआ था जिसके बाद कुल्हाड़ी मारकर आरोपी ने पुजारी की हत्या (Murder) कर दी थी।

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एसपी अमित सांघी (SP अमित Sanghi) ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले महीने 19 फरवरी को थाना हस्तिनापुर के ग्राम डगोर में मंदिर के पुजारी बाबा जानकीदास की अज्ञात व्यक्ति ने कुल्हाड़ी से हत्या कर दी थी। एसपी के निर्देश पर एडिशनल एसपी, सीएसपी सहित तीन थाने हस्तिनापुर, बेहट और उटीला की टीम ने इसपर काम किया जिसके बाद ग्रामीणों से बात करने पर एक संदेही को उठाया गया। जिसे घटना वाले दिन भी मंदिर के आसपास देखा गया था। जब पुलिस ने आरोपी से कड़ाई से पूछताछ की तो उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया।

Gwalior News: पुजारी के अंधे कत्ल का पर्दाफाश, बर्तनों में खाना बनाने पर हुआ था विवाद

बाबा के बर्तनों में खाना बनाने को लेकर हुआ था विवाद  

आरोपी ने बताया कि वो मंदिर पर आता जाता रहता है। घटना वाले दिन उसने बाबा के बर्तनों में खाना बना लिया था जिसपर बाबा भड़क गए और उनके बीच विवाद हो गया। गुस्से में उसने बाबा को पहले फावड़े से मारा फिर वहाँ रखी कुल्हाड़ी से बाबा के सिर पर वार किये जिससे बाबा जानकीदास की मौत हो गई। पुलिस को स्थानीय लोगों ने बताया कि  बाबा किसी को अपने बर्तन नहीं छूने देते थे लेकिन आरोपी ने मना करने पर भी बाबा के बर्तनों में खाना बना लिया था।  एसपी ने बताया कि आरोपी 15-16 साल पहले भी हत्या के आरोप में जेल की सजा भुगत चुका है। उन्होंने कहा कि एक तथ्य और निकलकर आया है इस गांव से कुछ दूरी पर आरोपी  की महिला मित्र रहती है ये उससे मिलने अक्सर आता रहता था।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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