पीछे मिली कुर्सी तो नारज हुई सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, कार्यक्रम से पहले लौटी उल्टे पांव

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर (Bhopal MP Sadhvi Pragya Thakur) अपने बयानों को लेकर देश भर में मशहूर है। वह अपने बयानों के चलते देश और प्रदेश की सुर्खियों में आए दिन बनी रहती हैं, लेकिन इस बार उनकी सुर्खियों में बने रहने के पीछे का कारण उनका बयान नहीं, बल्कि कुछ और है। दरअसल, अटल बिहारी वाजपेई (Atal Bihari Vajpayee) के जन्मदिन (Birth Anniversary) के मौके पर शुक्रवार को भोपाल (Bhopal) में भाजपा के जिला कार्यालय में नवनिर्मित अटल भवन का लोकार्पण (Newly built Atal building inaugurated) प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) द्वारा किया गया। इसी कार्यक्रम में भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर को कुर्सी पीछे मिलने के चलते हैं वह भड़क गई और सीएम शिवराज (CM Shivraj Singh Chouhan) के कार्यक्रम में पहुंचने से पहले ही वह वहां से वापस लौट गई।

अटल जी की प्रतिमा का उद्घाटन


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।