Sahara : सहारा में भगदड़, जोनल हेड के बाद अब रीजनल मैनेजर ने दिया इस्तीफा

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। देश सहित प्रदेश भर (MP News) में लाखों लोगों के अरबों-खरबों रुपए हड़प चुकी सहारा इंडिया कंपनी में भगदड़ का दौर जारी है। दो दिन पहले मध्य प्रदेश के जोनल हेड के इस्तीफे के बाद अब भोपाल के रीजनल मैनेजर (Regional Manager of Bhopal) ने भी अपना इस्तीफा दे दिया है।

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मल्टीपरपज सोसायटियों के नाम पर देश भर में सहारा इंडिया कंपनी (Sahara India Company-) अब तक लाखों निवेशकों के अरबों रुपए निवेश करा चुकी है। लेकिन परिपक्वता अवधि बीत जाने के बाद भी वापस करने का नाम नहीं ले रही। इस संबंध में अब तक सहारा के प्रमुख सुब्रत राय (Sahara chief Subrata Roy) के खिलाफ अकेले मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में लगभग 90 FIR दर्ज हो चुकी हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) और गृहमंत्री के सख्त निर्देश है कि चिटफंड कंपनियों पर सख्त कार्रवाई कर लोगों का पैसा वापस लौटाया जाए और पुलिस भी लगातार कार्रवाई कर रही है। लेकिन इसके बाद भी कंपनी पैसे वापस लौट आने का नाम नहीं ले रही।

कंपनी की कारगुजारीयो का परिणाम फील्ड स्टाफ को उठाना पड़ता है और आए दिन निवेशक व एजेंट सहारा के ऑफिसों में आकर हंगामा करते हैं। दो दिन पहले निवेशकों के इन्हीं दबावों के चलते भोपाल के जोनल हेड राजेंद्र सक्सेना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और अब रीजनल मैनेजर सनब्बर खान का इस्तीफा सामने आया है।

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दरअसल अपना इस्तीफा लखनऊ भेजकर सनब्बर खान 29 सितंबर से कार्यस्थल पर नहीं आ रहे हैं और इस्तीफे की वजह उन्होंने कंपनी की वर्तमान परिस्थितियों और उसके कारण आ रहे मानसिक दबाव को बताई थी। बुधवार की सुबह उनका इस्तीफा लखनऊ मुख्यालय भेज दिया गया है और इस तरह अब भोपाल सहारा ऑफिस (Bhopal Sahara Office) में न जोनल हैड है ना रीजनल मैनेजर। ऐसे में अब एजेंटों और निवेशकों (investors) में हड़कंप है कि आखिरकार सहारा का ऐसा कौन जिम्मेदार पदाधिकारी है जो उनका पैसा वापस लौटाऐगा।

Sahara : सहारा में भगदड़, जोनल हेड के बाद अब रीजनल मैनेजर ने दिया इस्तीफा


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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