आंगनबाड़ी वर्करों के लिए शिवराज सरकार का बड़ा फैसला

Kashish Trivedi
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कर्मचारियों

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (Madhya pradesh) में आंगनबाड़ी वर्कर्स (Anganwadi Workers) को बड़ा लाभ मिलेगा। इसके लिए गुरुवार को 9वीं बार महिला विकास विभाग के टेंडर (tender) को कैंसिल किया गया है। जिसके बाद अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मोबाइल खरीदने के लिए शिवराज सरकार (shivraj government) उनके खाते में डायरेक्ट पैसा डालेगी। जिसके लिए अगली कैबिनेट (cabinet) में प्रस्ताव लाया जाएगा।

दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime minister Narendra Modi) ने 2018 में पोषण अभियान की शुरुआत की थी। जिसमें 6 साल तक के बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य की निगरानी के लिए आंगनवाड़ी वर्कर को मोबाइल फोन देने का फैसला किया गया था। इसके लिए केंद्र सरकार ने वर्कर्स को मोबाइल देने के लिए पोषण अभियान में करोड़ों का बजट भी उपलब्ध कराया था लेकिन प्रदेश में 2 साल से आंगनबाड़ी वर्करों को मोबाइल नहीं मिला है। जिसके बाद अब प्रत्येक आंगनबाड़ी वर्कर के खाते में 10 हजार रुपए डाले जाएंगे। जिससे वह अपने पसंद का मोबाइल खरीदेंगे।

इससे प्रदेश में 76 हजार से अधिक आंगनबाड़ी वर्करों को मोबाइल खरीदने के लिए खाते में कुल 76 करोड़ रुपए डाले जाएंगे। प्रत्येक आंगनबाड़ी वर्कर के खाते में 10000 रुपए पहुंचेंगे। प्रत्येक बच्चे का वजन और उंचाई मोबाइल फोन में हर महीने केंद्र के कॉमन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर(सीएएस) अपलोड करना थी। इसके साथ रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिए आंगनबाड़ी वर्कर अब खुद की पसंद का मोबाइल फोन खरीद सकेंगे।

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ज्ञात हो कि देश के सभी राज्यों में रियल टाइम मॉनिटरिंग का काम शुरू हो चुका है लेकिन मध्यप्रदेश में अबतक ये काम शुरू नहीं हो पाया है। जिसके बाद मोबाइल खरीदी में शिकायतों के चलते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chauhan) ने महिला विकास विभाग के टेंडर को निरस्त कर दिया और इसके साथ ही केंद्र सरकार को पत्र लिखा था। जहां उन्होंने आंगनबाड़ी वर्गों को डायरेक्ट बेनिफिट से राशि मंजूरी की मांग की थी। केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद अब आंगनवाड़ी वर्करों को 4G मोबाइल खरीदने के लिए पैसे उनके खाते में डाले जाएंगे इसके लिए अगली कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा।

बता दे कि केंद्र सरकार ने विभाग की समीक्षा के दौरान स्पष्ट कर दिया है कि जनवरी तक अगर किसी भी राज्य में मोबाइल से रियल टाइम मॉनिटरिंग का काम शुरू नहीं हुआ तो उस राज्य को असफल राज्य की श्रेणी में डाल दिया जाएगा। जिसके बाद शिवराज सरकार ने यह तत्परता दिखाई है।


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