ग्वालियर, अतुल सक्सेना। पुलिस ट्रेनिंग स्कूल उमरिया द्वारा JJ एक्ट यानि किशोर न्याय अधिनियम पर आयोजित राज्य स्तरीय वेबिनार में जिलों में गठित SJPU में पदस्थ पुलिस अधिकारियों को JJ एक्ट के प्रावधानों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
वेबिनार में पुलिस ट्रेनिंग स्कूल तिघरा ग्वालियर में पदस्थ विषय विशेषज्ञ ADPO विजय कुमार उपमन्यु ने कहा कि कानून का उल्लंघन करते पाये जाने वाले बालकों और देखरेख एवं संरक्षण के जरूरतमन्द बालकों से सम्बंधित विधि के मामलों के न्याय, निर्णय और निपटारे में बालकों के प्रति मित्रवत दृष्टिकोण अपनाते हुये उनकी समुचित देखरेख, संरक्षा, विकास, उपचार एवं पुनः समाज की पुनः मिलाने, उनकी मूलभूत जरूरतों को पूरा करते हुए इसके अधीन स्थापित JJ एक्ट के तहत काम करने वाली संस्थाओं एवं निकायों के माध्यम से किशोरों के पुनर्वास की व्यवस्था और बालकों के सर्वोत्तम हित में करना ही जेजे एक्ट का उद्देश्य है। इसलिए SJPU (विशेष किशोर पुलिस इकाई) को बालकों के सर्वोत्तम हित में कार्य करना चाहिए।
ADPO विजय कुमार उपमन्यु ने JJ एक्ट के संदर्भ में SJPU की भूमिका एवं महत्व को बताते हुए कहा कि SJPU में कार्यरत पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बाल मनोविज्ञान का पर्याप्त ज्ञान एवं समझ होना जरूरी है । SJPU यानि विशेष किशोर पुलिस इकाई का किशोर न्याय बोर्ड, बाल कल्याण समिति, जिला बाल संरक्षण इकाई, राष्ट्रीय / राज्य बाल संरक्षण आयोग आदि के प्रति विशेष उत्तरदायित्व है, जिसका समुचित निर्वहन अत्यावश्यक है ।
SJPU को बोर्ड औऱ समिति द्वारा अपनाई जाने वाली प्रक्रिया एवं विधिवत क्षेत्राधिकार में बाल देखरेख संस्थाओं और उपयुक्त सुविधाओं के सम्पर्क ब्यौरों सहित स्वैच्छिक एवं गैर सरकारी संगठनों जैसे चाइल्डलाइन आदि से समन्वय स्थापित करके रखना चाहिए ।
किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण ) अधिनियम 2015 के संदर्भ ने SJPU की भूमिका पर पुलिस प्रशिक्षण शाला, तिघरा में पदस्थ विजय कुमार (उपमन्यु) सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी द्वारा जिलों में पुलिस बल की विशेष किशोर पुलिस इकाई में पदस्थ अधिकारियों ,बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों हेतु मध्यप्रदेश स्तरीय तीन दिवसीय ऑनलाइन वेबिनार विषय -” किशोर न्याय अधिनियम (नवीनतम प्रावधान) C.W.C., बाल न्यायालय एवं S.J.P.U. की भूमिका ” पर प्रशिक्षण में पुलिस प्रशिक्षण शाला, उमरिया के तीसरे दिन आयोजन में आमन्त्रित व्याख्याता के रूप में कही गईम।