भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (madhya pardesh) में आगामी नगरीय निकाय चुनाव (urban body election) को देखते हुए मतदाता सूची (voter list) के पुनरीक्षण का कार्य तेजी पर है। इसी बीच खबर है कि अप्रैल महीने में नगरीय निकाय चुनाव कराने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग (State election commission) पंचायत चुनाव ( mp panchayat election) करा सकते हैं। माना जा रहा है कि बोर्ड परीक्षा (board exam) से पहले ही प्रदेश में पंचायत चुनाव हो सकते हैं। इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने माध्यमिक शिक्षा मंडल (Board of Secondary Education) से बोर्ड परीक्षा के बारे में जानकारी मांगी है। जानकारी साझा होने के बाद ही चुनाव संबंधी तैयारियां की जाएगी।
दरअसल राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव दुर्गविजय सिंह (durgvijay singh) की मानें तो माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षा 30 अप्रैल से 18 मई तक होगी। वही बोर्ड परीक्षा के आयोजन की वजह से पंचायत चुनाव के लिए स्कूल और शिक्षक की उपलब्धता नहीं होगी स्कूल और शिक्षा बोर्ड परीक्षाओं की ड्यूटी पर रहेंगे।
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ऐसे में पंचायत चुनाव कराना संभव नहीं होगा। वहीं पंचायत चुनाव तीन चरणों में कराए जाने हैं। ऐसी स्थिति में राज्य निर्वाचन आयोग बोर्ड परीक्षा से पूर्व पहले चरण के पंचायत चुनाव कराने की तैयारी में है। जबकि बचे दो चरणों के चुनाव मई में परीक्षा की समाप्ति के बाद कराए जाएंगे।
ज्ञात हो कि मध्य प्रदेश में 23000 पंचायतों का कार्यकाल एक साल पहले ही समाप्त हो चुका है। ऐसे में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री और चुनाव आयोग कार्य प्रभारी जेपी धनोपिया (JP Dhanopia) ने भी ज्ञापन सौंपकर नगरीय निकाय चुनाव के साथ ही पंचायत चुनाव कराने की मांग की है। ज्ञापन में कहा गया है कि नगरीय निकाय चुनाव निचले स्तर से जुड़े कार्यकर्ताओं से भी संबंधित है।
ऐसे में मतदाता सूची की तैयार होने और पुनरीक्षण कार्य पूर्ण होने के बाद पंचायत के चुनाव करवाए जाने चाहिए।कांग्रेस की मांग के बाद और बोर्ड परीक्षा के आयोजन से पहले पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग की क्या रणनीति होती है और उस पर किस तरह से तैयारियां की जा सकती है। इसके बारे में कार्य योजना तैयार की जा रही है।