ऑक्सीजन की उपलब्ध्ता बढ़ी, सीएम बोले, थोड़ी लेट होती है तो सांसे मेरी थमने लगती हैं

Atul Saxena
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सीएम शिवराज सिंह चौहान

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। ऑक्सीजन (Oxygen)की कमी और बढ़ते कोरोना संक्रमितों (Corona Infection) के आंकड़े ने सरकार सहित जनता को चिंता में डाल दिया। लोग ऑक्सीजन (Oxygen) और रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर परेशान हैं। हालात ये हैं कि राजधानी के अस्पताल मरीजों से भरे पड़े हैं, बिस्तर खाली नहीं हैं यही हाल इंदौर सहित कुछ अन्य शहरों का है लेकिन कालाबाजारी करने वाले सरकार को खुली चुनौती दे रहे हैं।  इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने बुधवार को कहा कि हमारे पास 272 मीट्रिक टन ऑक्सीजन (Oxygen) की उपलब्धता थी जिसे हमने बढाकर 280 मीट्रिक टन कर दिया है , हम इसे और बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं।

राजधानी भोपाल सहित इंदौर और प्रदेश के अन्य कुछ शहरों के हालात बहुत चिंताजनक हैं। लोगों को इलाज नहीं मिल रहा। मरीज इलाज के अभाव में अस्पताल के बाहर दम तोड़ रहे हैं। हालाँकि सरकार अपनी तरफ से हरसंभव प्रयास कर रही है लेकिन उसके ये प्रयास नाकाफी सभीत हो रहे हैं। प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी हो रही है रेमडेसिविर इंजेक्शन मार्केट से गायब है लेकिन कालाबाजारी करने वालों के पास कोई कमी नहीं है। बिगड़ते हालात के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan)  के पूर्व सहयोगी और पार्टी के विधायक,पूर्व स्वास्थ्य मंत्री अजय विश्नोई (Ajay Vishnoi) भी सवाल खड़े कर चुके हैं।

हालाँकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने आज बुधवार को कहा कि ये आपात स्थिति है, हम दिन और रात जुटे हैं व्यवस्थाएं बनाने में। ऑक्सीजन (Oxygen) चुनौती है मैं इनकार नहीं करता। कल 272 मीट्रिक टन ऑक्सीजन (Oxygen) की उपलब्धता थी आज बढाकर 280 मीट्रिक टन हम कर पाए है।  मैंने रेल मंत्री से आग्रह किया है कि क्या भिलाई और राउरकेला से पूरा ट्रक ऑक्सीजन (Oxygen)  टैंकर का मालगाड़ी से आ सकता है? जिससे समय बच पाए क्योंकि यदि ऑक्सीजन (Oxygen) एक घंटे भी लेट होती है तो सांसे मेरी थमने लगती हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan)  ने कहा कि ऑक्सीजन (Oxygen)  की उपलब्धता बढ़े इसलिए मैं हर स्तर पर बात कर रहा हूँ।  हम दूसरा प्रयास कर रहे हैं कि अनावश्यक ऑक्सीजन (Oxygen) का प्रयोग ना हो।

बहरहाल ये अच्छी बात है कि सरकार ऑक्सीजन (Oxygen) की उपलब्धता और रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता को लेकर गंभीर दिखाई दे रही है लेकिन यदि कालाबाजारी पर रोक लग जाये तो लोगों की बहुत परेशानी दूर हो सकेगी।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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