छिंदवाड़ा, विनय जोशी। जिला कलेक्टर के प्रतिबन्द के बाद भी परासिया विधानसभा क्षेत्र में रेत माफियाओं के हौसले इतने बुलंद है कि दिन दहाड़े रेत का अवैध उत्खनन कर नदियों और नालों का सीना छलनी कर रहे है। रेत माफिया की इस करतुत को प्रशासन मूक दर्शक बन कर देख रहा है। जिस विभाग को कार्यवाही करना चाहिए वो कुमकर्णीय नींद सो रहा है।
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परासिया मुख्यालय से जुड़ी ग्राम पंचायत ख़िरसाडोह और आस पास के क्षेत्रों से इस समय रेत माफियाओं का हब बना हुआ है। सफेद पोस नेताओ की मिलीभगत से दर्जानो टेक्टर ट्राली , दिन भर नदियों से रेत निकालकर खिरसाडोह पंचायत के आसपास रेत भंडारण कर लाखो कमा रहे है । मूक दर्शक बना प्राशासन इन पर कोई कार्यवाही करते नजर नही आता , जिससे सरकार को मिलने वाली लाखो की राजस्व राशि को नुकसान पहुँच रहा है । जबकि परासिया मुख्यालय से जुड़ी पंचायत ख़िरसाडोह शिक्षा से लेकर विभागीय कार्यालय सहित व्यपारियो का हब बन रहा है , जिससे ख़िरसाडोह सहित आसपास के क्षेत्रों में रेत की मांग अधिक है । और रेत माफिया इसका फायदा उठा रहे है ।
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जबकि खनिज विभाग से जुड़े जिम्मेदार अधिकारियों का ठिकाना छिंदवाड़ा मुख्यालय है । परासिया में विभाग का न कोई कार्यालय है , और न ही कोई ठिकाना । जो इन अवैध रेत माफियाओं पर लगाम लगा सके कभी कभार पुलिस महकमा एक दो टेक्टर ट्राली पकड़ कर खनिज विभाग को मामला सौपकर वह भी पल्ला झाड़ लेते है ओर कार्यवाही ठंडे बस्ते में चली जाती है। खास बात तो यह कि खनिज विभाग के अधिकारियों से बाईट के लिए कहने पर वे कैमरे में न आकर फोन पर बात कर पूरी जानकारी लेने के बाद कार्यवाही के नाम पर शून्य रहती है या फिर आपसी तालमेल बन जाता है जिसके चलते सरकार को मिलने बाली राजस्व की राशि का नुकसान तो हो ही रहा है और अधिकारियों की चांदी कट रही है और रेत माफियाओं के हौसले बुलंद हो रहे है ।