नियम शर्तों में उलझकर रह गई सरकार की ये योजना, युवा हो रहे परेशान 

Atul Saxena
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट।  पिछड़ा वर्ग (Backward class) और अल्पसंख्यक वर्ग (Minority) के आर्थिक रूप से कमजोर (Financially weak) प्रतिभावान युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं (Competitive examinations)के लिए मुफ्त सरकारी कोचिंग (Free Coaching) देने के लिए शुरू की गई सरदार पटेल कोचिंग प्रशिक्षण योजना (Sardar Patel Coaching Training Scheme) अधर में लटक गई। बताया जाता है कि योजना के तहत कोचिंग संस्था (Coaching Institute) चयन के लिए शासन स्तर पर ऐसी शर्तें लगाई गई हैं जिसे पूरा करना कोचिंग संस्थानों के लिए मुश्किल हो रहा है।

मध्यप्रदेश सरकार (Government of Madhya Pradesh) द्वारा आरक्षित वर्ग के बेरोजगार युवाओं (Unemployed youth) के लिए रोजगारोन्मुखी सरदार पटेल कोचिंग प्रशिक्षण योजना (Sardar Patel Coaching Training Scheme)संचालित की जाती है।  इसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर प्रतिभावान युवक युवतियों को मुफ्त कोचिंग (Free Coaching) दी जाती है लेकिन इस बार कोचिंग संस्था (Coaching Institute) का चयन नहीं हो पाने के कारण युवाओं को इस योजना (Scheme) का लाभ नहीं  मिल पा रहा है। जिसके चलते प्रदेश के हजारों बेरोजगार युवा अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं।

कठिन हैं शर्ते, बार बार बदली भी जा रहीं

शासन द्वारा इस योजना के तहत पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग के युवाओं को मुफ्त कोचिंग (Coaching)देने के लिए कोचिंग संसथान (Coaching Institute) का चयन करना होता है लेकिन इस साल नया साल शुरू हो गया , पिछले सत्र खत्म हुए एक महीना बीत गया लेकिन अभी तक कोचिंग संस्था (Coaching Institute) का चयन नहीं हुआ है।  बताया जाता है कि इसकी वजह शासन द्वारा लगाईं गई कड़ी शर्तें और उनका बार बार बदला जाना मुख्य वजह है।  जो शर्तें लगाई गई  है उसे पूरा करना  कोचिंग संस्थानों के लिए मुश्किल हो रहा है। पहले जारी की गई  नियम शर्तों में संस्था से ढाई करोड़ सालाना टर्न ओवर माँगा गया  जिसे बाद में निरस्त कर दिया गया। इसके बाद पांच वर्ष में करोड़ करोड़ का टार्न ओवर माँगा गया फिर उसे भी निरस्त किया गया।  अब विभाग नई योजना लेकर आया है इसके तहत तीन साल में पांच करोड़ रुपये  का टर्न ओवर मानेगा गया है।

गौरतलब है कि योजना के तहत दो बार में 800 से ज्यादा संस्थाओं ने अपने प्रपोजल भी जमा किये हैं और करीब 200  संस्थाएं प्रेजेंटेशन भी दे चुकी हैं बावजूद इसके शासन स्तर  पर कोचिंग संस्था का चयन नहीं हो पाया है।  उधर पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के डिप्टी  डायरेक्टर मनोज कुमार गौतम का कहना है कि जल्दी ही इस योजना को शुरू किया जायेगा एक दो दिन में कार्य योजना और नियम शर्तें जारी कर देंगे।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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