उज्जैन।
मध्यप्रदेश के टाइगर रेस(tiger race) में अब पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती शामिल हो गई हैं। नेताओं द्वारा एक दूसरे को गीदड़ कहने और खुद को टाइगर(tiger) बताने के बाद उमा भारती(uma bharti) ने अपने आप को मोगली(mogli) बताया है। साथ ही साथ उन्होंने यह साफ कर दिया है कि वह शेर की सवारी भी करती है और वह किसी भी शेर और बाघ से नहीं डरती है।
दरअसल पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती बीजेपी नेताओं(bjp leaders) के मंत्री पद के बंटवारे को लेकर पूर्व से ही बीजेपी से खफा है। ऐसे में प्रदेश में चल रही टाइगर पॉलिटिक्स पर बोलते हुए उमा भारती ने कहा है कि 2003 में ही वह राघोगढ़ के शेर को बेसुध कर चुकी हैं। वहीं कांग्रेस के बागी नेताओं के बीजेपी में शामिल होने पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने साफ कहा है कि कोई भी मंत्री मलाईदार विभाग की अपेक्षा ना करें। बीजेपी में हर व्यक्ति जनता का सेवक है। इसके साथ ही पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने खुद को सर्वश्रेष्ठ मोगली बताते हुए कहा है कि उन्होंने शेर और बाघ दोनों को पस्त किया है।
बता दें कि शिवराज कैबिनेट विस्तार के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया(jyotiraditya scindia) के टाइगर जिंदा है वाले बयान ने मध्य प्रदेश की सियासी गलियों में खलबली मचा दी है। एक तरफ जहां विपक्षी पार्टी कांग्रेस लगातार इस बयान पर ज्योतिरादित्य सिंधिया और शिवराज सिंह चौहान(shivraj singh chouhan) को घेर रही है वहीं दूसरी तरफ पार्टी के अंदर ही शिवराज के टाइगर जिंदा है बयान को ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा लगातार दोहराया जाना पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को रास नहीं आ रहा है। इस बीच शिवराज कैबिनेट विस्तार में सिंधिया का दबदबा पार्टी के ही वरिष्ठ नेताओं द्वारा लगातार नकारा जा रहा है। वही सिंधिया के लहजे से साफ जाहिर है कि वो प्रदेश में हुकूमत के मूड में है। जिसकी पुष्टि उमा भारती के चेतावनी वाले बयान ने कर दी है। अब यह तो पता नहीं कि प्रदेश में टाइगर वॉर कब तक चलेगा लेकिन बीजेपी अपने वरिष्ठ नेताओं के सवालों से कैसे बचेगी यह देखना दिलचस्प है।