उज्जैन, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना संकटकाल ने हमें ऑक्सीजन का महत्व समझाया। एक एक सांस कितनी कीमती हो सकती है, ये बताया। जो ऑक्सीजन पेड़ हमें हमेशा मुफ्त देते आए हैं, वही सिलेंडर में कितनी महंगी साबित हो सकती है ये बात समझना आज की सबसे बड़ी जरूरत है। इसी बात को और अच्छे से समझाने के लिए उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय प्रबंधन ने एक अनोखा निर्णय लिया है। यहां अब परिसर में मॉर्निंग और इवनिंग वॉक करने वालों पर ऑक्सीजन टैक्स (Oxygen Tax) लगाने की तैयारी की जा रही है।
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कुलपति प्रोफेसर अखिलेख कुमार पांडेय के मुताबिक इसका उद्देश्य विश्वविद्यालय परिसर में ऑक्सीजन लेवल काे बनाए रखना और उसमें बढ़ोतरी करना है। हालांकि ये टैक्स अनिवार्य न होकर स्वैच्छिक रहेगा। बता दें कि एक पेड़ एक दिन में करीब 230 लीटर ऑक्सीजन देता है जिससे करीब 7 लोग सांस ले सकते हैं। एक शोध के मुताबिक हर 50 मीटर की दूरी पर एक पेड़ लगाने से पर्यावरण संतुलित रह सकता है। लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने और पेड़ पौधों का महत्व बताने के लिए ये कदम उठाया जा रहा है। बता दें कि विक्रम विश्वविद्यालय परिसर में सम्राट विक्रमादित्य के नौ रत्नों के नाम पर नौ पर्यावरण संरक्षित क्षेत्र विकसित करने की योजना भी है जहां विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे। इस योजना में यहां आने वाले लोगों को भी जोड़ा जाएगा और जो परिसर में वॉक के लिए आते हैं उन्हें पौधे लगाने की जिम्मेदारी दी जाएगी। यहां रोजाना सुबह शाम वॉक करने के लिए करीब पांच हजार लोग आते हैं। इसी के साथ उन्हें साल भर तक उस पौधे की देखरेख भी करनी होगी। विश्वविद्यालय के अधिकारियों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों को भी एक पौधा लगाने और उसे सहेजने के लिए प्रेरित किया जाएगा।