Adani Enterprises FPO: अडानी एंटरप्राइजेज का एफपीओ 27 जनवरी से ही खुल चुका है। हाल ही में कंपनी ने हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट को गलत करार करते हुए एफपीओ की तारीख और साइज़ में कोई बदलाव ना करने का ऐलान किया है। वहीं शेयर में काफी गिरावट हो रही है। इसके अलावा मार्केट कैप की हालत भी खस्ता है। फिलहाल, कंपनी के लिए यह समय काफी कठिनाइयों से भरा है। शनिवार तक केवल 1 फीसदी सब्स्क्रिप्शन ही एफपीओ में हुए थे। इसी बीच एक राहत भरी खबर सामने आई है।
इन कंपनियों ने दिखाया भरोसा
कुछ निवेशकों ने अडानी ग्रुप पर भरोसा जताया है। यूएई की एक कंपनी IHC ने ऑफरिंग में अपने सब्सिडियरी ग्रीन ट्रांसमिश्न इनवेस्टमेंट होल्डिंग RHC के जरिए एफपीओ में दांव खेला है। कंपनी के करीब 3200 करोड़ की बोली लगाई है। रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी ने 400 मिलियन यूएसए डॉलर का निवेश किया है। यह आबूधाबी में सबसे ज्यादा मार्केट कैप वाली कंपनियों में से एक है। इससे पहले इस कंपनी ने अडानी ग्रीन में भी निवेश किया था। सिंगापुर के निवेशक टेमासेक होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड ने भी अपना भरोसा कायम रखा है और अडानी पॉर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जॉन में अपने इन्वेस्टमेंट को जारी रखने का फैसला लिया है।
एफपीओ की डिटेल्स
बता दें की कंपनी का एफपीओ 31 जनवरी को क्लोज होने वाला है। इसका इश्यू साइज़ 20,000 करोड़ रुपये हैं। कुल 64,738,475 शेयर्स जारी किये गए हैं। जिसकी प्राइस 3112 रुपये से लेकर 3276 रुपये प्रति शेयर है। लॉट साइज़ 4 है। 8 फरवरी 2023 को FPO की लिस्टिंग बीएसई और एनएसई पर हो सकती है।