Adani Ports: अडाणी पोर्ट्स ने गोपालपुर पोर्ट्स में 95% हिस्सेदारी खरीदी, यह डील 3080 करोड़ रुपए में हुई। इस डील से अडाणी पोर्ट्स का 14वां पोर्ट बनेगा। अडानी ग्रुप का यह समृद्धि की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इसके अलावा, उड़ीसा स्टीवडोर्स लिमिटेड से भी 39% हिस्सेदारी का लेन-देन हुआ है। अडाणी पोर्ट्स का विशेषज्ञता से निर्माण, उद्घाटन, और पोर्ट ऑपरेशन्स में बढ़त दिखाई दे रही है। बाजार में भी इसकी गति दिखाई दे रही है, जिससे अडाणी पोर्ट्स के शेयर में तेजी आई है।
ड्राई बल्क और ब्रेक बल्क कार्गो को हैंडल किया जाता है:
दरअसल विकास की और बढ़ते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था में अडाणी पोर्ट्स का योगदान बेहद महत्वपूर्ण है। यह कंपनी उद्यमिता की दिशा में उत्कृष्टता और स्थिरता का परिचय दे रही है। जानकारी के अनुसार इस पोर्ट्स पर कई तरह के ड्राई बल्क और ब्रेक बल्क कार्गो को हैंडल किया जाता है। वहीं यह एक डीप ड्राफ्ट, मल्टी-कार्गो पोर्ट है। अडानी ग्रुप की परियोजनाएं भारतीय बाजार में एक नए उत्थान का प्रतीक हैं, जिससे रोजगार के निर्माण, नए निवेश, और अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण योगदान हो रहा है।
अडाणी का पोर्ट ऑपरेशन्स में बढ़त
आपको बता दें की अडाणी पोर्ट्स अब भारत का सबसे बड़ा प्राइवेट पोर्ट ऑपरेटर बन चुका है। उसकी कैपेसिटी 580 MMTPA है और वह देश भर में 13 पोर्ट और टर्मिनल्स का संचालन करता है। वित्तीय बाजार में भी अडाणी पोर्ट्स की शेयर में तेजी देखने को मिल रही है। इसके शेयर में बीते 1 साल में 107% की तेजी आई है।
अडाणी पोर्ट्स के साथी संगठन भी इस डील से संतुष्ट हैं। गोपालपुर पोर्ट्स का निर्माण और विकास स्थलीय यातायात, वाणिज्यिक गतिविधियों, और भारतीय व्यापारिक समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान करेगा। इस संबंध में, विभिन्न क्षेत्रों के उद्यमियों और सरकारी अधिकारियों का भी आदर्श है कि सहयोगी संबंधों के माध्यम से भारतीय बंदरगाहों का निर्माण और विकास समृद्ध हो सकता है। इससे बाजार में एक नया ऊर्जा और सकारात्मकता का संकेत है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थायी विकास की दिशा में आगे बढ़ा सकता है।