नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। डिजिटल बैंकिंग बढ़ने के साथ मेलवेयर का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। हाल ही में Drinik एंड्रॉयड ट्रोजन के नए वर्ज़न को स्पॉट किया है, जो बैंक (Bank) यूजर्स के पर्सनल डेटा को चुराता है और उसका गलत इस्तेमाल करता है। रिपोर्ट की माने तो Drinik एंड्रॉयड ट्रोजन को पहली बार भारत में साल 2016 में देखा गया, करीब 6 सालों से यह मेलवेयर भारत में सर्कुलेट हो रहा है और 18 भारतीय बैंकों के ग्राहकों को अपना टारगेट भी बना रहा है। इस नया वर्ज़न आप iAssist नाम के APK के साथ आता है। यह एंड्रॉयड यूजर्स के लिए क्रेडिट कार्ड डिटेल्स, CVV, पिन भी चुरा सकता है।
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रिपोर्ट की माने तो इस वायरस ने 27 बैंकिंग इंस्टिट्यूट को अपना शिकार बना है। यह नया वर्ज़न यूजर्स जो फिशिंग पेज पर ले जाकर डेटा को चुराने का काम करता है। इतना ही नहीं एक बार यह अपने स्मार्टफोन में एंट्री लेने के बाद आपकी स्क्रीन रिकॉर्डिंग, एक्सेसबिलिटी सर्विसेस और की-कॉलिंग को चुराने में समर्थ है। इनकम टैक्स टूल और लोगों के साथ यह सबसे पहले यूजर्स को एसएमएस भेजता है। यूजर्स इसे इनकम टैक्स डिपार्ट्मेन्ट का मैनेजमेंट टूल समझकर डाउनलोड भी कर लेते हैं, फिर यह मेलवेयर यूजर्स से SMS रीड करने, रिसीव करने और सेंड करने की परमिशन माँगता है। साथ ही यह कॉल लॉग और एक्सटर्नल सटोटेज को एक्सेस करने की परमिशन भी माँगता, जिसकी परमिशन यूजर द्वारा देते ही यह गूगल प्ले प्रोटेक्ट को डिसेबल कर देता है।
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यह भी कहा जा रहा है Drinik मेलवेयर का यह वर्ज़न फिसिंग पेज के जगह रियल इनकम टैक्स की साइट को खोलता है, जिसके बाद जैसे यूजर साइट पर डिटेल्स को डालता है यह स्क्रीन रिकॉर्डिंग के जरिए सारी डिटेल्स चुरा लेता है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो यूजर्स के स्क्रीन पर एक फेक डायलॉग बॉक्स खुलता है, जिसमें यूजर्स को 57,100 रुपये रिफ़ंड मिलने की बात भी कही जाती है। रिफ़ंड के बटन पर क्लिक करते ही फिसिंग पेज खुलता है, जो सारी पर्सनल डीटेल चोरी कर लेता है। इस मेलवेयर के निशाने में एसबीआई समेत 18 भारतीय बैंक शामिल है।
इन बातों रखें ख्याल
- कोई भी ऐप हमेशा गूगल प्ले स्टोर से ही इंस्टॉल करें।
- किसी भी अज्ञात नंबर और सोर्स से आए गए लिंक को क्लिक ना करें।
- अपने स्मार्टफोन में गूगल प्ले प्रोटेक्ट को इनैबल करना ना भूलें।
- सभी ऐप्स और स्मार्टफोन स्क्रीन पर बायोमेट्रिक ऑथेनटिकेशन ऐक्टिव रखें।
- सभी ऐप्स के लिए अपने स्मार्टफोन में परमिशन ना दें।