नई दिल्ली,डेस्क रिपोर्ट। अब सुप्रीम कोर्ट ने चेक बाउंस (Cheque Bounce) के मामलों के तुरंत निपटारे में तेजी लाने के लिए बड़ा फैसला लिया। 1 सितंबर से पांच राज्यों में एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश के साथ स्पेशल अदालतें गठित करने का निर्देश दिया। बता दें कि न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट की पीठ ने कहा कि महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में बड़ी संख्या में लंबित मामलों को देखते हुए ‘नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट’ के तहत विशेष अदालतें (Special Court) गठित की जाएगी। इन राज्यों में बड़ी संख्या में मामले लंबित हैं।
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आपको बता दें कि पीठ ने कहा, ”हमने पायलट अदालतों की स्थापना के संबंध में विशेषज्ञ समिति के सुझावों को शामिल किया गया है। इसके लिए हमने समयसीमा भी दी है इसकी शुरुआत 1 सितंबर से होगी। इस कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल यह सुनिश्चित करेंगे कि वर्तमान आदेश की एक प्रति पांच उच्च न्यायालयों के रजिस्ट्रार जनरल को सीधे भेजी जाए, जो इसे तत्काल कार्रवाई के लिए मुख्य न्यायाधीशों के समक्ष रखें।”
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चेक बाउंस मामलों के भारी संख्या में लंबित रहने पर शीर्ष अदालत ने स्वतः संज्ञान लेकर मामला दर्ज किया। ऐसे मामलों के जल्द निपटारे के लिए कंसर्टएड और कोऑर्डिनेटेड तंत्र विकसित करने का निर्णय लिया। साथ ही कोर्ट ने देशभर में चेक बाउंस के मामलों का तेजी से निपटारा सुनिश्चित करने के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए थे। केंद्र से कहा था, ऐसे केस में मुकदमे की क्लबिंग सुनिश्चित करने के लिए कानूनों में संशोधन करें।