गूगल ने एक बड़ा निर्णय लिया है, एफिशिएंसी बढ़ाने के लिए कंपनी छटनी करने जा रही है। यह छटनी 10 फीसदी कर्मचारियों को गूगल से बाहर कर देगी। इतनी बड़ी छटनी के चलते अब गूगल सुर्खियों में आ गया है। गूगल जो अपनी कार्य संस्कृति को लेकर हमेशा चर्चा में रहता है, लेकिन अब छटनी के चलते लोगों के बीच सुर्खियां बटोर रहा है।
हम छोटी से छोटी चीज की जानकारी लेने के लिए गूगल का इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि गूगल अब इनफॉरमेशन सेक्टर में सबसे आगे निकल चुका है। वहीं अब छटनी की खबर ने कई कर्मचारियों को बड़ा झटका दिया है।
क्या है इसके पीछे का कारण
जानकारी के मुताबिक गूगल मैनेजमेंट स्तर के अधिकारियों को लेकर यह छटनी कर सकता है। जिसमें डायरेक्टर से लेकर वॉइस प्रेजिडेंट तक के अधिकारी शामिल हो सकते हैं। एक्सपर्ट्स की माने तो जेनरेटिव आई आधारित सुविधाओं के बढ़ने के साथ-साथ अब गूगल के उत्पादन में मांग में कमी आई है। वहीं गूगल का प्लेटफार्म ‘gemini’ भी लोगों पर इतना प्रभाव नहीं डाल पाया है। ऐसे में गूगल की बैलेंस शीट गड़बड़ा रही है। इन सभी कारणों से गूगल के मुनाफे में भी कमी आई है, जिसके चलते अब गूगल यह बड़ा कदम उठा रहा है। आईटी सेक्टर में गूगल फिलहाल में सबसे बड़ी कंपनी बन चुकी है, लेकिन 10 फ़ीसदी तक की छटनी अब कर्मचारियों को बड़ा झटका दे रही है।
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने लिया फैसला
कंपनी में हो रही इस बड़ी छटनी की जानकारी खुद गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई की ओर से दी गई है। दरअसल कंपनी की बैठक में सुंदर पिचाई ने 10 फीसदी कर्मचारियों की छटनी का प्लान बनाया है। इसका मुख्य कारण देखा जाए तो AI सर्विस में गूगल बाकी कंपनियों के मुताबिक पीछे चल रहा है। लेकिन कंपनी का मकसद AI सर्विस में भी गूगल आगे रहना है। सुंदर पिचाई का कहना है कि गूगल की संस्कृति और मूल्यों की प्रतीक गूगल को बढ़ावा देना जरूरी है, लेकिन समय के साथ और चुनौतियों के चलते गूगल की नीतियों को बदलना जरूरी हो गया है।