Income Tax Return: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है। जो भी टैक्सपेयर्स टैक्स के तौर पर बकाया राशि से अधिक टैक्स का भुगतान करते हैं, वे रिफंड का दावा कर सकते हैं। आईटीआर फाइल फाइल करने पर करदाता टैक्स-बचत निवेश में संभावित टैक्स रिफंड का कैलकुलेशन कर सकते हैं। रिफंड का दावा करने के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय यह वेरीफाइ करें कि टैक्स क्रेडिट फॉर्म संख्या 26AS में नजर आ रहा हो। आप कुछ टिप्स को आजमा कर ज्यादा से ज्यादा रिफंड पा सकते हैं।
टैक्स भुगतान का सही विकल्प चुनें
करदाताओं को आईटीआर फाइल करते समय सही विकल्प चुनना चाहिए। अपनी आवश्यकताओं के अनुसार टैक्स चुकाने का ऑप्शन चुनें। यदि आप पीपीएफ और इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम में जुड़े नहीं हैं तो नई टैक्स व्यवस्था आपके के लिए फायदेमंद विकल्प साबित हो सकता है।
सही समय पर आईटीआर फाइल करें
अधिक रिफंड पाने के लिए सही समय पर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी होता है। देरी से आईटीआर फाइल करने पर जुर्माना भरना पड़ेगा।
बैंक अकाउंट की पुष्टि करें
आईटीआर फाइल करते समय अपने बैंक अकाउंट की पुष्टि अच्छे से करें। रिफंड में वैलिडेशन प्रोसेस बेहद जरूरी होता है। आयकर विभाग केवल उन अकाउंट को में रिफंड जमा करता है, जो ई-फाइलिंग पोर्टल पर वैलिडेट किए गए हों।
ई-रिटर्न को वैलिडेट करें
इनकम टैक्स रिटर्न भरने के 30 दिनों के भीतर रिटर्न का सत्यापन जरूरी होता है। बिना रिटर्न वेरीफाइड किए यह मान्य नहीं होता। वेरीफिकेशन के 6 तरीके होते हैं। इसमें नेट बैंकिंग, बैंक अकाउंट और एटीएम इलेक्ट्रॉनिक वेरीफिकेशन कोड (EVC) के साथ मोबाइल नंबर OTP शामिल हैं।