Job crisis: मार्च माह में वैश्विक तकनीकी क्षेत्र में कटौती की खबरों ने आम लोगों को हिला दिया है। इस महीने, एपल, आईबीएम, डेल टेक्नोलॉजीज, एरिक्सन और कोरियन वीटेल जैसी चार बड़ी ग्लोबल टेक कंपनियों ने आधिकांश कर्मचारियों की छंटनी का ऐलान किया। दरअसल ऐसी ही कटौती कोरोना महामारी के समय भी देखि गई थी। हालांकि अभी भी कई बड़ी कंपनी कोरोना महामारी में आई मंदी को रिकवर नहीं कर पाई है जिस वजह से भी आए दिन बड़ी कंपनियों में कर्मचारियों की छंटनी देखि जाती है।
बड़ी कंपनियों में की जा रही छटनी:
आईबीएम ने अपने कम्युनिकेशन यूनिट से आधे कर्मी काम से निकाल दिए है। ऐसा ही हल एपल का भी दिखाई दे रहा है। एपल ने माइक्रो LED डिस्प्ले प्रोजेक्ट को बंद कर दिया है। डेल टेक्नोलॉजीज ने 6,000 कर्मचारियों को हटाया और एरिक्सन ने 1,200 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया। कोरियन टेलेकॉम वीटेल ने भी कर्मचारियों की छंटनी का ऐलान किया है।
दरअसल ऐसा माना जा रहा है कि, एपल के रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D) प्रोजेक्ट बंद होने से अमेरिका और एशिया में बड़े लेवल पर जॉब कट किए गए। आपको बता दें की अमेरिकी कम्प्यूटर कंपनी डेल की बात की जाए तो यह दो साल में दूसरी बार की छंटनी है।
जानकारी के अनुसार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को भी इसका एक बड़ा कारण माना जा रहा है। इसी के साथ इस तरह की कटौती के पीछे तकनीकी जगत में आर्थिक मंदी, टेक्नोलॉजी में बदलाव, और कोविड-19 पैंडमिक के बदलते दौर को माना जा रहा है। यह तकनीकी कंपनियों के लिए अपेक्षाओं के खिलाफ चुनौती और नए तरीके की जरूरत को भी दर्शा रहा है।
हालांकि इस दौरान युवाओं को घबराने की जगह यह समझने की जरूरत है कि वे जॉब और कर्मचारी की सुरक्षा एवं विकास पर भी ध्यान केंद्रित करें। वहीं इस संकट के समय में, टेक कंपनियों को विकसित करने और लोगों को नौकरी देने के लिए सहयोगी रूप में काम करने की जरूरत है।