FASTag यूजर्स के लिए बड़ी खबर, RBI ने बदला नियम, खत्म होगी बार-बार रिचार्ज की झंझट, जानें कैसे

आरबीआई ने ई-मेंडेट फ्रेमवर्क में संशोधन करते हुए NCMC और FASTag को स्वतः पुनः-पूर्ति की मंजूरी दे दी है। अब यूजर्स को बार-बार रिचार्ज की जरूरत नहीं पड़ेगी।

Manisha Kumari Pandey
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RBI Changes FASTag Rules: फास्टैग यूजर्स के के लिए बड़ी अपडेट सामने आई है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने नियमों फास्टैग और नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (NCMC) ने जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब यूजर्स बार-बार रिचार्ज करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

दरअसल, आरबीआई ने ई-मेंडेट फ्रेमवर्क में संशोधन करते हुए NCMC और FASTag को स्वतः पुनः-पूर्ति (Auto Replenishment) की मंजूरी दे दी है। इसका मतलब यह है कि अब फास्टैग में कम बैलेंस होने पर अपने आप अकाउंट से पैसे जुड़ जाएंगे। पर्याप्त बैलेंस न होने पर यूजर्स को टोल प्लाज़ा गाड़ी रोककर इंतजार करने की जरूरत नहीं होगी। केन्द्रीय बैंक ने एक सर्कुलर में कहा कि, “ई-मेंडेट फ्रेमवर्क के तहत ग्राहक द्वारा निर्धारित सीमा से कम राशि अमाउन्ट होने पर फास्टैग और एनसीएमसी की स्वतः पुनः-पूर्ति को शामिल करने का फैसला लिया गया है।”

यूजर्स को मिलेंगे कई फायदे (e-Mandate Framework)

बता दें कि 2017 में टोल प्लाज़ा पर भुगतान को सुविधाजनक बनाने के लिए फास्टैग को शुरू किया गया है। लेकिन टोल प्लाज़ा पार करते समय फास्टैग में पैसे कम पड़ने पर दोगुना राशि का भुगतान करना होता है। इन समस्याओं से छुटकारा दिलाने के लिए ही फास्टैग को ई -मेंडेट फ्रेमवर्क में शामिल किया गया है। बार-बार रिचार्ज की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। इसके तहत यूजर्स के खाते से पैसे कटने से 24 घंटे पहले नोटिफिकेशन भेजना जरूरी होता है।

ऑटो-रिचार्ज का विकल्प चुनें (FASTag Auto Recharge)

फास्टैग में ऑटो-रिचार्ज का विकल्प चुनते ही यूजर्स को निर्धारित सीमा कम बैलेंस होते ही अपने-आप खाते में पैसे जुड़ जाएंगे। बार पर अलग नोटिफिकेशन भी प्राप्त नहीं होगा। ऐसे में उन यूजर्स को सबसे अधिक लाभ होगा जो हाईवे पर सफर करते हैं, लेकिन समय पर रिचार्ज करना भूल जाते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि 2019 में ई-मेंडेट फ्रेमवर्क को तैयार किया गया है। इसका उद्देश्य यूजर्स के हितों की रक्षा करना है और अकाउंट से कटने वाले पैसों की जानकारी देना है।


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