RBI Monetary Penalty: यूको बैंक पब्लिक सेक्टर बैंकों में से एक है। जो ग्राहकों को विभिन्न प्रकार की सुविधाएं प्रदान करता है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इस बैंक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। 2 करोड़ 68 लाख 30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। इस बात की जानकारी आरबीआई ने प्रेस विज्ञप्ति के जरिए दी है।
31 मार्च 2022 तक बैंक के वित्तीय स्थिति के संदर्भमें आरबीआई ने बैंक के पर्यवेक्षी मूल्यांकन के लिए सांविधिक निरीक्षण किया था। इस दौरान बीआर अधिनियम के उल्लंघन और अन्य निर्देशों का अनुपालन न करने का मामला सामने आया। जिसके बाद बैंक को नोटिस जारी किया। नोटिस पर जवाब और जांच के बाद रिजर्व बैंक ने जुर्माना लगाने का निर्णय लिया है।
बैंक ने किया इन नियमों का उल्लंघन (Why RBI Imposed Penalty On Uco Bank?)
बैंक फ्लोटिंग रेट व्यक्तिगत या खुदरा ऋण तथा एमएसएमई को दिए जाने वाले लोन को बाहरी बेंचमार्क पर बेंचमार्क करने में विफल रहा। गैर घटक उधर कर्ताओं के नाम से कुछ चालू खाता खोले ,जिनका बैंकिंग प्रणाली में एक्सपोजर 5 करोड रुपये या उससे अधिक था। अपात्र संस्थानों के नाम पर कुछ बचत खाते भी खोले गए। कुछ एनआरआई बचत जमा जमाराशियों के खिलाफ ग्रहणाधिकार अंकित किए गए। कुछ निश्चित सर्वाधिक जमाराशियों में दावा न किए गए शेष, जो 10 वर्ष से अधिक अवधि तक दवा न किए गए थे, जमाकर्ता शिक्षा एवं जागरूकता कोष में 10 वर्ष की उक्त अवधि के समाप्ति से 3 महीने की अवधि के भीतर हस्तांतरित करने में विफल रहा। इसके अलावा धोखाधड़ी के कुछ मामलों की सूचना कानून प्रवर्तन एजेंसी को नहीं दे सका।
इन फाइनेंस कंपनी पर भी गिरी गाज ( Cent Home Finance Limited)
भारतीय रिजर्व बैंक में सेंट बैंक फाइनेंस लिमिटेड कंपनी पर भी 2 लाख 10 हजार रुपये का मौद्रिक जुर्माना लगाया है। यह कंपनी वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 6 महीने में कम से कम एक बार खातों के जोखिम वर्गीकरण की आवधिक समीक्षा करने में विफल रहा। नियमों का उल्लंघन होने पर केंद्रीय बैंक में मौद्रिक जुर्माना लगाने का निर्णय लिया।