RBI MPC Decisions: आरबीआई ने की 5 बड़ी घोषणाएं, बदल गए पैसों से जुड़े ये नियम, पढ़ें पूरी खबर

Manisha Kumari Pandey
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RBI MPC Decisions: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तीन दिवसीय मौद्रिक नीति बैठक का समापन गुरुवार को हुआ। इस दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। साथ ही कई बदलाव भी हुए हैं। भले ही आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। लेकिन एफडी, यूपीआई समेत अन्य कई बदलाव किये गए हैं। जिसका असर जनता पर भी होगा। केन्द्रीय बैंक ने आज जनता के लाभ के लिए कई अहम फैसले लिये हैं।

लोन चुकाने के बाद सिविल से नाम न हटाने पर जुर्माना

अक्सर देखा जाता था कि ग्राहकों द्वारा लोन चुकाने के बाद भी सिविल से कस्टमर्स के नाम नहीं हटते थे। जिसके करण क्रेडिट स्कोर प्रभावित होता था। लेकिन अब आरबीआई ने लोन चुकाने के बाद भी सिविल से नाम ना हटाने पर पेनल्टी की घोषणा कर दी है।

ओवरड्राफ्ट की रकम से कर पाएंगे यूपीआई पेमेंट

यूपीआई के जरिए अब ग्राहक डिजिटल क्रेडिट लाइन के जरिए भी पेमेंट कर सकेंगे। जिसका प्रस्ताव आरबीआई ने रखा है। इसका मतलब यह है कि बैंक UPI पेमेंट के लिए प्री-सैक्शंड क्रेडिट लाइन दे सकेंगे। इस नियम के लागू होने पर उद्धारकर्ता डायरेक्टली यूपीआई के जरिए क्रेडिट लाइन की सुविधा मिल पाएगी।

बैंकों में लावारिस एफडी खोजना आसान

अनक्लेम्ड डिपॉजिट को लेकर सेंट्रल बैंक ने अहम फैसला लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक बैंकों द्वारा आरबीआई को 35,000 करोड़ के अनक्लेम्ड डिपॉजिट ट्रांसफर किये गए थे। बैंकों में फिक्स्ड डिपॉजिट को खोजने के लिए सेंट्रलाइज्ड पोर्टल विकसित किया गया है। इस पोर्टल के जरिए ग्राहक लावारिस एफडी खोज पाएंगे, यह सुविधा तीन-चार महीनों में शुरू हो जाएगी।

बैंकों को मिली नॉन NRIs को बिना डिलीवरी वाले फॉरन करेंसी डेरिवेटिव बेचने की मंजूरी

आरबीआई ने देश नॉन डेलीवरेबल फ़ॉरेन एक्सचेंज डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट (NDDC) व्यवस्था के नियमों में बड़ा बदलाव करने का निर्णय लिया है। केन्द्रीय बैंक ने उन सभी बैंकों को घरेलू बाजार में ग्राहकों को रुपये में एनडिडीसी की पेशकश करने की मंजूरी दे दी है, जो इंटरनेशनल वित्तीय सेवा केंद्र (IFSC) में बैंकिंग इकाई (IBU) का परिचालन करते हैं। हालांकि आईबीयू का संचालन करने वाले बैंकों को प्रवासियों के साथ रुपये में एनडीडीसी लेनदें की अनुमति पहले से ही है।

रेगुलेटरी कंप्लायन्स के लिए आया नया पोर्टल

आरबीआई ने रेगुलेशन के दायरे में आने वाले यूनिट्स के लिए रेगुलेटरी प्रोसेस को आसान बनाने के लिए नया पोर्टल शुरू करने का निर्णय लिया है। जिसके तहत पोर्टल “प्रवाह” का आरंभ होगा। यह एक सुरक्षित वेब आधारित सेंट्रलाइज्ड पोर्टल होगा।

 


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