RBI MPC 2024: टैक्स पेमेंट के लिए UPI की सीमा बढ़ी, रपो रेट स्थिर, चेक क्लीयरेंस प्रक्रिया में बदलाव, आरबीआई गवर्नर ने किया ऐलान

आरबीआई एमपीसी की बैठक में कई अहम फैसले लिये गए हैं। चेक क्लियरेंस की प्रक्रिया में बदलाव होगा। यूपीआई से जुड़े नियम भी बदले गए हैं।

Manisha Kumari Pandey
Published on -
rbi

RBI MPC Decisions 2024: 8 अगस्त गुरुवार को आरबीआई मौद्रिक नीति समिति की बैठक का आखिरी दिन रहा। दौरान महंगाई, रेपो रेट, जीडीपी और अन्य कई मुद्दों पर चर्चा हुई। जिसके के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने गवर्नर शक्तिकान्त दास ने फैसलों की घोषणा कर दी है। 9वीं बार केन्द्रीय बैंक ने रेपो रेट असंशोधित रखने का निर्णय लिया है। वर्तमान में दरें 6.5% हैं। इस फैसले से कर्जदारों को राहत मिलेगी। ईएमआई का बोझ भी नहीं बढ़ेगा। इसके अलावा भी एमपीसी ने कई अहम फैसले लिये हैं।

यूपीआई लेनदेन की सीमा बढ़ी 

गुरुवार को आरबीआई ने UPI के जरिए टैक्स भुगतान की सीमा बढ़ा दी है। अब टैक्सपेयर्स 5 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन प्लेटफॉर्म के जरिए कर पाएंगे। इससे पहले 1 लाख रुपये लेनदेन करने की अनुमति थी।

चेक क्लियरेंस में लगेगा कम समय

आरबीआई ने चेक क्लियरेन्स की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। एमपीसी बैठक में नए प्रोसेस का प्रस्ताव रखा गया है। अब चेक क्लियर करवाने के लिए 2 दिन के बजाए कुछ घंटों का समय लगेगा। चेक ट्रंकेशन सिस्टम को ऑन-रियरलाइजेशन सेटलमेंट से बदलने का प्रस्ताव रखा गया है।

लोन से संबंधित धोखाधड़ी पर लगेगी रोक 

एमपीसी बैठक की घोषणा के दौरान आरबीआई गवर्नर ने डिजिटल लेंडीनग ऐप्स की सार्वजनिक लिस्ट तैयार करने की सलाह भी दी है। ताकि लेंडिंग प्लेटफॉर्म पर फर्जीवाड़े और फ्रॉड की समस्या कम हो सके।

जीडीपी ग्रोथ का अनुमान घटा 

एमपी ने अनुमान लगाया है कि वित्तवर्ष 2025 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.2% दर से बढ़ेगी। पहली तिमाही में नरमी देखी जा है। Q1FY25 के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान को घटाकर 7.1% कर दिया गया है। हालांकि दूसरी, तीसरी और चौथी तिमाही के लिए अनुमान पहले जीतने ही हैं। जून में भी वित्त 2025 के लिए जीडीपी का अनुमान 7.2% था। वहीं पहली तिमाही के लिए अनुमान 7.3% था।

महंगाई पर एमपीसी का अनुमान 

आरबीआई ने वित्तवर्ष 2025 के लिए महंगाई के अनुमान में कोई बदले नहीं किया है। खाने-पीने की चीजों पर महंगाई बढ़ने के बावजूद मुद्रास्फीति का अनुमान 4.5% है।

 


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News