SEBI Guidelines: 28 मार्च से SEBI (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) ने अपनी नई पहल के चलते T+0 सेटलमेंट को टेस्ट करने का निर्णय लिया है। SEBI के जारी किए गए सर्कुलर के अनुसार, T+1 मार्केट में 50bps की मूवमेंट के बाद बैंड को रिकैलिब्रेट किया जा रहा है। इसका उपयोग इंडेक्स और प्राइस सेटलमेंट कंप्यूटेशन के लिए नहीं किया जाएगा। जानकारी के अनुसार T+0 सेटलमेंट में सिक्योरिटीज की ट्रेडिंग की क्लोजिंग प्राइस भी T+1 सेटलमेंट के समान होगी।
SEBI द्वारा जारी किए गए सर्कुलर के अनुसार:
SEBI के द्वारा जारी किए गए सर्कुलर के अनुसार, T+0 सेटलमेंट साइकल में भाग लेने के लिए एलिजिबल इन्वेस्टर वे होंगे जो MII की ओर से बताई गई टाइमलाइन, प्रोसेस और रिस्क की जरूरतों को पूरा करते हैं। T+0 में सर्विलांस मेजर्स भी शेयरों पर लागू होंगे। सेबी के नए प्रावधान के अनुसार, ट्रेडिंग सुबह 09:15 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक होगी। T+0 सेटलमेंट में प्राइस T+1 मार्केट की कीमत से +100 बेसिस प्वॉइंट्स के साथ ऑपरेट की जाएगी।
T+0 सेटलमेंट का तरीका:
इस नए तरीके में, शेयरों का सेटलमेंट एक ही दिन में होगा, जो की वर्तमान में T+1 के तरीके से होता है। यह परिवर्तन शेयर मार्केट में नई ऊर्जा और क्रियाशीलता लाएगा। SEBI ने पहले चरण में 25 शेयरों के सीमित सेट के लिए और ब्रोकर्स के एक सीमित सेट के साथ T+0 सेटलमेंट के बीटा वर्जन को लॉन्च करने की मंजूरी दी है। इससे शेयर बाजार में नए संभावित तालमेलों की परीक्षा होगी।
जानें इसकी टेक्निकल डिटेल्स:
T+0 सेटलमेंट के तहत, शेयरों का सेटलमेंट एक ही दिन में होगा जिससे व्यापक तेजी और स्थिरता की संभावना है। इस प्रक्रिया में स्टॉक्स की खरीदारी और बिक्री के लिए नए नियमों का पालन करना होगा। इस नए सेटलमेंट सिस्टम के द्वारा सही और त्वरित सेटलमेंट प्रक्रिया को बढ़ावा मिलेगा। वहीं सेबी की इस पहल से शेयर मार्केट में नई गतिशीलता और विकास की उम्मीद है।