State Bank Of India : देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के ग्राहकों के लिए महत्वपूर्ण खबर है। एसबीआई ने बैंक लॉकर के संबंध में एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें लॉकर धारकों से 30 जून, 2023 तक रिवाइज्ड लॉकर एग्रीमेंट पर साइन करने की अपील की है। SBI ने ट्वीट के जरिए इस बात की जानकारी दी है। अहम बात ये है कि पिछले कुछ दिनों से बैंक लगातार अपने ग्राहकों को अपडेटेड लॉकर एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करने के लिए मैसेज भेज रहा है।
30 जून के बाद बदल जाएंगे नियम
दरअसल, स्टेट बैंक ने 30 जून से बैंक लॉकर को लेकर नियम बदलने जा रहा है, बैंक ने इस बारे में एडवाइजरी जारी कर बताया है कि इंटरनेट पर लॉकर धारकों से 30 जून 2023 तक रिवाइज्ड लॉकर एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करने की अपील कर रहा है। संशोधित लॉकर नियमों के तहत चोरी, सेंधमारी, डकैती, इमारत गिरने, बैंक द्वारा लापरवाही या उसके कर्मचारियों द्वारा धोखाधड़ी गतिविधि से संबंधित घटनाओं के मामले में बैंकों को क्षतिपूर्ति करनी होगी और लॉकर के वार्षिक किराए के 100 गुना के बराबर होगी।
SBI ने किया ट्वीट
बैंक ने ग्राहकों से अपील की है कि लॉकर एग्रीमेंट पर जल्द से जल्द सिग्नेचर कर दें। एसबीआई ने अपने ऑफिशियल ट्वीट में लिखा है कि डियर कस्टमर, रिवाइज्ड लॉकर एग्रीमेंट के सेटलमेंट के लिए कृपया अपनी ब्रांच में जाएं। अगर आप पहले ही अपडेटेड एग्रीमेंट पर साइन कर चुके हैं, तो आपको अभी भी सप्लीमेंट्री एग्रीमेंट को निष्पादित करने की आवश्यकता है। एसबीआई के अलावा बैंक ऑफ बड़ौदा भी ग्राहकों से निर्धारित तारीख तक रिवाइज्ड लॉकर एग्रीमेंट्स पर सिग्नेचर करने के लिए कहा जा रहा है।
RBI ने जारी किया था सर्कुलर
- दरअसल भारतीय रिज़र्व बैंक ने 23 जनवरी 2023 को ग्राहकों के लिए एक सर्कुलर जारी किया था, जिसके तहत बैंकों को 30 अप्रैल 2023 तक ग्राहकों को लॉकर समझौतों के नवीनीकरण के बारे में सूचित करना होगा। 50% ग्राहक समझौतों को 30 जून तक और 75 प्रतिशत को 30 सितंबर तक रिवाइज्ड करें,यह तारीख नजदीक है तो बैंकों द्वारा ग्राहकों को अपने कॉन्ट्रैक्ट को रिन्यू करने के लिए कहा जा सकता है।
- संशोधित लॉकर नियमों के अनुसार, आग, चोरी, सेंधमारी, डकैती, डकैती, इमारत गिरने, बैंक द्वारा लापरवाही, या उसके कर्मचारियों द्वारा धोखाधड़ी गतिविधि से संबंधित घटनाओं के मामले में बैंकों को क्षतिपूर्ति करनी होगी और लॉकर के वार्षिक किराए के 100 गुना के बराबर होगी।
- अगर ग्राहक लॉकर को सरेंडर करता है और किराए का अग्रिम भुगतान किया जाता है, तो बैंक को अनुपातिक राशि को लौटाना होगा, लेकिन भले ही किराए का भुगतान नियमित रूप से कि किया जा रहा हो और लॉकर सात वर्ष के लिए निष्क्रिय रहता हो।
- एक अन्य दिशा-निर्देशों में यह भी शामिल किया गया है कि समझौते को स्टांप पेपर पर होना अनिवार्य है, इसे बैंकों को ग्राहकों को समझौते की प्रति के साथ मुफ्त प्रदान करना होगा।