Stock Market Rumours: भारतीय शेयर बाजार के रेगुलेटर, सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने स्टॉक मार्केट में अफवाहों के चलते होने वाले प्रभावों से निपटने के लिए अब बड़ा कदम उठाया है। दरअसल सेबी ने अब नए सिरे से गाइडलाइंस जारी की हैं। दरअसल इस नई पहल का उद्देश्य बाजार में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखना है।
1 जून 2024 से लागू होगी नई गाइडलाइंस:
दरअसल सेबी ने अपने सर्कुलर में बताया है कि ये रेगुलेशन स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड टॉप 100 कंपनियों पर 1 जू न 2024 से यह नियम लागू होंगे। वहीं, 150 अन्य कंपनियों पर यह नियम 1 दिसंबर 2024 से लागू होंगे। जानकारी के अनुसार सेबी की इन गाइडलाइंस का मुख्य उद्देश्य अफवाहों से बचाव करना और निवेशकों को सही जानकारी प्रदान करना है।
सभी मान्यता प्राप्त इकाइयों को जारी किया गया सर्कुलर:
जानकारी के अनुसार सेबी ने यह सर्कुलर स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड सभी इकाइयों, सभी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों, और देश के तीन प्रमुख बिजनेस चैंबर्स एसोचैम (Assocham), फिक्की (FICCI), और सीआईआई (Confederation of Indian Industry) को जारी किया है। दरअसल सेबी के इस सर्कुलर में मार्केट से जुड़ी अफवाहों के वेरिफिकेशन को लेकर इंडियन स्टैंडर्ड्स जारी किए गए हैं। जिसके चलते अब सभी लिस्टेड इकाइयों को इन स्टैंडर्ड्स का पालन करना होगा।
बाजार में फैली अफवाहों को समय पर पहचानना:
वहीं इस दौरान सेबी ने कहा कि तीनों बिजनेस चैंबर के साथ ‘इज ऑफ डूंइंग बिजनेस के लिए इंडस्ट्री स्टैंडर्ड्स फोरम (ISF) भी शामिल हैं, सेबी के साथ मिलकर शेयर बाजार से जुड़ी अफवाहों को वेरिफाई करने के लिए स्टॉक एक्सचेंजों के अधीन पायलट बेसिस पर इंडियन स्टैंडर्ड्स को तैयार करेगा। वहीं इस फोरम का मुख्य उद्देश्य बाजार में फैली अफवाहों को समय पर पहचानना और उनका सत्यापन करना होगा।
सेबी के लिस्टिंग ऑब्लिगेशन और डिस्क्लोजर नॉर्म्स के तहत स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड सभी कंपनियों के लिए यह अनिवार्य होगा कि अगर किसी अफवाह के चलते स्टॉक्स के प्राइसेज में किसी प्रकार का बदलाव होता है, तो उन अफवाहों को स्टॉक प्राइस में बदलाव के 24 घंटे के भीतर वेरिफाई किया जाए। स्टॉक एक्सचेंजों के साथ साथ इन तीनों बिजनेस चैंबर्स को भी अपने वेबसाइट्स पर स्टैंडर्ड्स नोट्स को पब्लिश करना पड़ेगा।
सेबी की इस नई पहल से शेयर बाजार में अफवाहों के चलते होने वाले उतार-चढ़ाव पर काबू पाया जा सकेगा और निवेशकों को सही जानकारी उपलब्ध कराई जा सकेगी। इससे बाजार में स्थिरता और विश्वास बढ़ेगा, जो दीर्घकालिक निवेश के लिए लाभदायक साबित होगा।