इन 4 बैंकों ने किया नियमों का उल्लंघन, RBI ने उठाया सख्त कदम, लगाया भारी जुर्माना, कहीं इनमें आपका खाता तो नहीं?

लोन-एडवांस, केवाईसी और अन्य बैंकिंग नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में आरबीआई ने 4 बैंकों पर पेनल्टी लगाई है। 7 लाख से अधिक का जुर्माना लगाया गया है। आइए जानें आखिरी केन्द्रीय बैंक ने यह कदम क्यों उठाया और ग्राहकों पर भी इसका असर पड़ेगा?

Manisha Kumari Pandey
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RBI Action: भारतीय रिजर्व बैंक ने चार बैंकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। गुरुवार को प्रेस विज्ञप्ति के जरिए इस बात की जानकारी दी है। केवाईसी, लोन और अन्य बैंकिंग नियमों का उल्लंघन करने पर केंद्रीय बैंक ने यह एक्शन लिया है। इसी के साथ दिसंबर महीने में आरबीआई 10 से अधिक बैंकों पर जुर्माना लगा चुका है।

मंड्या सिटी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (कर्नाटक) पर 50 हजार रुपये, रोपड़ सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (पंजाब) पर 5 लाख रुपये, उदुमलपेट को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड (तमिलनाडु) पर 75000 रुपये और पॉन्डिचेरी को-ऑपरेटिव बैंक बैंक लिमिटेड (पुडुचेरी) पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। यह कार्रवाई आरबीआई ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ-साथ 47ए (1)(सी) के प्रावधानों के तहत की है।

क्या है वजह? (RBI Monetary Penalty)

मंड्या सिटी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड ने समयसीमा के भीतर कुछ ग्राहकों के केवाईसी रिकॉर्ड को केंद्रीय केवाईसी रिपोर्ट रजिस्ट्री पर अपलोड करने में विफल रहा। रोपड़ सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड निर्धारित समय के भीतर जमाकर्ता  शिक्षा और जागरूकता कोष में पात्र दावा न की गई राशि को हस्तांतरित करने में विफल रहा। अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड द उदुमलपेट अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड ने निदेशक के  रिश्तेदार को लोन स्वीकृत किया। निर्धारित की नियामक सीमा से अधिक नाममात्र सदस्यों को लोन भी स्वीकृत किया। पॉन्डिचेरी को-ऑपरेटिव बैंक बैंक लिमिटेड ने एसएएफ के तहत जारी किए निर्देशों का पालन न करते हुए नए लोन और एडवांस को मंजूरी दी, जो पात्र एकल उधरकर्ता  जोखिम सीमा से परे थे। इसके अलावा निर्धारित समय सीमा के भीतर कुछ ग्राहकों के केवाईसी रिकॉर्ड को केंद्रीय केवाईसी रिकॉर्ड रजिस्ट्री पर अपलोड भी नहीं कर पाया।

आरबीआई ने जारी किया था कारण बताओ नोटिस (Reserve Bank Of India)

आरबीआई को वैधानिक निरीक्षण के दौरान निर्देशों के अनुपालन में खामियों का पता चला था। इसके बाद बैंकों को नोटिस जारी किया गया। उनसे कारण पूछा गया। नोटिस पर आए जवाब और जांच के बाद ही मौद्रिक जुर्माना लगाने का निर्णय लिया गया। इस कार्रवाई का प्रभाव ग्राहकों और बैंक के बीच हो रहे लेनदेन या समझौते पर नहीं पड़ेगा।

 


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