रीसाइक्लिंग के क्षेत्र में है ग्रोथ के कई अवसर, जानिए करिअर ऑप्शन्स

देश में मोदी सरकार द्वारा स्वच्छ भारत अभियान जैसी सरकारी पहलों और सर्कुलर इकोनॉमी की ओर बढ़ने के कारण रीसाइक्लिंग क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है। इंडिया में रीसाइक्लिंग इंडस्ट्री के 2021 से 2026 तक 8.1% की CAGR से बढ़ने की उम्मीद है।

Amit Sengar
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Recycling : भारत में पर्यावरण के प्रति बढ़ती जागरूकता, स्वच्छ भारत अभियान जैसी सरकारी पहलों और सर्कुलर इकोनॉमी की ओर बढ़ने के कारण रीसाइक्लिंग क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है। भारत में सालाना लगभग 62 मिलियन टन कचरा पैदा होता है, जिसमें से 30% का ही रीसाइकल किया जाता है। लेकिन अब स्थिति बदल रही है। भारत में रीसाइक्लिंग इंडस्ट्री के 2021 से 2026 तक 8.1% की CAGR से बढ़ने की उम्मीद है। अनुमान है कि अगले दो दशकों में भारत में प्लास्टिक, धातु, कागज, ई-कचरा और जैविक अपशिष्ट जैसे विभिन्न रीसाइक्लिंग सब सेक्टर्स में 50 लाख से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा हो सकते हैं।

12वीं के बाद करें ये कोर्स

एनवायरनमेंट साइंस में इंजीनियरिंग

यह प्रोग्राम रीसाइक्लिंग सहित पर्यावरण के मुद्दों से जुड़ी पढ़ाई पर केंद्रित है।

केमिकल इंजीनियरिंग

इस प्रोग्राम से रीसाइक्लिंग मैटेरियल्स से संबंधित प्रक्रियाओं में विशेषज्ञता मिलती है।

सिविल इंजीनियरिंग

इस प्रोग्राम के तहत अपशिष्ट प्रबंधन और पर्यावरण इंजीनियरिंग पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।

इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग

इस प्रोग्राम के तहत एफिशिएंट रीसाइक्लिंग ऑपरेशन्स के प्रोसेस के लिए तैयार किया जाता है।

एनवायरनेंट साइंस में डिप्लोमा

रीसाइक्लिंग के विभिन्न मॉड्यूल्स के साथ व्यापक पर्यावरणीय विषयों को कवर किया जाता है।

वेस्ट मैनेजमेंट में डिप्लोमा

यह प्रोग्राम विशेष रूप से अपशिष्ट प्रबंधन और रीसाइक्लिंग तकनीकों पर केंद्रित है।

सर्टिफाइड रिस्काइलिंग प्रोफेशनल (सीआरपी)

यह मान्यता प्राप्त प्रमाणपत्र रीसाइक्लिंग क्षेत्र में विश्वसनीयता बढ़ाते हैं।

आईएसओ 14001 पर्यावरण प्रबंधन

यह पर्यावरण प्रबंधन प्रणालियों से संबंधित सर्टिफिकेट है।

मास्टर डिग्री

इस क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक उम्मीदवार पर्यावरण विज्ञान, पर्यावरण इंजीनियरिंग या औद्योगिक इंजीनियरिंग जैसे स्ट्रीम्स में मास्टर डिग्री हासिल कर सकते हैं।

पीएचडी

रीसाइक्लिंग क्षेत्र में अनुसंधान और अकादमिक करियर में रुचि रखने वालों के लिए पीएचडी बेहतर विकल्प है।

वर्क प्रोफाइल ऑप्शन्स

ये कोर्स करने के बाद रीसाइक्लिंग सेक्टर में इनमें से किसी भी प्रोफाइल में करिअर बना सकते हैं।

रीसाइक्लिंग प्लांट मैनेजर

रीसाइक्लिंग फेसिलिटी पर ऑपरेशन्स की देखरेख करते हैं।

एनवायरनमेंट इंजीनियर

रीसाइक्लिंग प्रक्रियाओं और प्रौद्योगिकियों को डिजाइन और लागू करते हैं।

रीसाइक्लिंग कॉ-ऑर्डिनेटर

ये नगर पालिकाओं या संगठनों के लिए रीसाइक्लिंग कार्यक्रमों का प्रबंधन करते हैं।

वेस्ट ऑडिटर

ये वेस्ट स्ट्रीम्स का एनालिसिस और रीसाइक्लिंग के अवसरों की पहचान करते हैं।

सस्टेनेबिलिटी कंसलटेंट

ये रीसाइक्लिंग और सस्टेनेबल प्रेक्टिस को लेकर इंडस्ट्रियल कॉर्पोरेट्स को सलाह देते हैं।

मैटेरियल रिकवरी स्पेशियलिस्ट

वे कचरे से मूल्यवान सामग्रियों .को पुनर्प्राप्त करने के लिए तरीकों का विकास और अध्ययन करते हैं।

करिअर ऑप्शन्स

सरकारी क्षेत्र

नगर निगमों, प्रदूषण नियंत्रण बोडों और पर्यावरण मंत्रालयों के साथ काम करना।

निजी क्षेत्र

रीसाइक्लिंग कंपनियों, मैन्युफैक्चरिंग फर्मों के साथ पर्यावरण सलाहकार के तौर पर जुड़ना।

एनजीओ और अंतरराष्ट्रीय संगठन

रीसाइक्लिंग और अपशिष्ट प्रबंधन से संबंधित परियोजनाओं में संलग्न होना।

इन संस्थानों से करें पढ़ाई

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) :- पर्यावरण और रासायनिक इंजीनियरिंग में कार्यक्रम प्रदान करते हैं।

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) :- सिविल और पर्यावरण इंजीनियरिंग में पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं।

टेरी स्कूल ऑफ एडवांस्ड स्टडीज, नई दिल्ली :- पर्यावरण अध्ययन और सतत विकास में विशेष कार्यक्रम।

दिल्ली विश्वविद्यालय :- पर्यावरण विज्ञान में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं।

इनके अलावा इन संस्थानों से भी कर सकते हैं पढ़ाई

बनस्थली विद्यापीठ (बनस्थली), राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय (कोटा), भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (भोपाल), राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (भोपाल), पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (चंडीगढ़), गुरु नानक देव विश्वविद्यालय (अमृतसर) थापर इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (पटियाला), जीजेयूएसटी हिसार और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र ।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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