इंदौर बनेगा भिक्षावृत्ति मुक्त जिला, कलेक्टर ने दिए अफसरों को सख्त निर्देश

इंदौर में कलेक्टर ने पिछले दिनों मीटिंग को लेकर स्पष्ट संकेत दे दिए थे कि यह मुहिम लगातार चलेगी और इसके अंतर्गत आज बड़ी कार्रवाई करते हुए कई भिक्षुओं को पकड़ा है। फिलहाल सभी भिक्षुओं को उज्जैन के सेवा धाम आश्रम में पंहुचाया गया है।

Amit Sengar
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Indore News : मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर भिक्षावृत्ति मुक्त जिला बनेगा। अभियान के तहत पुनर्वास होगा। इंदौर कलेक्टर ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। वहीं महिला बाल विकास विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कई भिक्षुओं को पकड़ा है जिसमें से एक महिला भिखारी को पकड़ा है उसके पास से 10 से 12 दिन में 74 हजार 7 सौ 48 रुपए इकट्ठा कर लिए, जिसे महिला बाल विकास विभाग ने उज्जैन के सेवाधाम आश्रम भेजा है।

कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर इंदौर शहर को भिक्षुक मुक्त करने के अभियान के तहत लगातार कार्रवाई की जा रही रही है। इसी कड़ी में महिला बाल विकास अधिकारी दिनेश मिश्रा के नेतृत्व में अलग-अलग टीम शहर के विभिन्न इलाकों में जाकर मंदिरों और धार्मिक स्थलों के आसपास भिक्षा वृत्ति करने वाले लोगों को पड़कर सेवा धाम आश्रम उज्जैन भेज रही है। बुधवार को कलेक्टर आशीष के आदेश के बाद महिला बाल विकास की टीम ने सुबह आठ बजे से कार्रवाई शुरू की और शहर के विभिन्न इलाकों में भिक्षा वृत्ति कर रही महिलाओं के अलावा कुछ बुजुर्ग व्यक्तियों को भी पकड़ा और सभी को कलेक्टर के आदेश पर उज्जैन के सेवा धाम आश्रम भेजा गया।

भिक्षुओं को पहुंचाया उज्जैन के सेवा धाम आश्रम में

इस दौरान महिला बाल विकास विभाग की टीम को राजवाड़ा के समीप शनि मंदिर पर भिक्षा वृत्ति करते हुए एक महिला मिली, जिसकी जांच करने पर उसकी साड़ी के भीतर छुपा कर रखे गए 74 हजार 7 सौ 48 रुपये की रकम भी इस टीम ने महिला से बरामद की है। परियोजना अधिकारी दिनेश मिश्रा ने बताया कि महिला ने 10 से 12 दिन में भिक्षा वृत्ति कर यह राशि इकट्ठा की थी फिलहाल सभी भिक्षुओं को उज्जैन के सेवा धाम आश्रम में पंहुचाया गया है।

इंदौर से शकील अंसारी की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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