यह समय ऐसा है जब देश भर के स्कूलों में बच्चों के एडमिशन की प्रक्रिया चल रही है। माता-पिता अच्छे से अच्छे स्कूलों में अपने बच्चों का एडमिशन करवाने की प्रयास कर रहे हैं। दरअसल सभी का सपना होता है कि उनके बच्चे अच्छे स्कूलों में पढ़े और बेहतरीन करियर बना सके। यही कारण है कि हर साल KVS और DPS स्कूलों में बच्चों के एडमिशन के लिए पेरेंट्स के बीच होड़ देखने को मिलती है।
केंद्रीय विद्यालय संगठन और दिल्ली पब्लिक स्कूल समिति दोनों ही प्रतिष्ठित स्कूल सिस्टम है। भारत में इन दोनों की कई सारी शाखाएं हैं, जहां पर लाखों बच्चे पढ़ रहे हैं। यह दोनों स्कूल एक दूसरे से बहुत अलग है। उसके बावजूद भी इनके बीच तुलना होती है। अगर आप भी इस कंफ्यूजन में है कि बच्चों को केंद्रीय विद्यालय में डालना है या दिल्ली पब्लिक स्कूल में तो चलिए आज हम आपको बता देते हैं कि दोनों के बीच क्या अंतर है।

कैसी है एडमिशन प्रक्रिया (KVS vs DPS)
केंद्रीय विद्यालय
केंद्रीय विद्यालय देश के टॉप सरकारी स्कूलों में से एक है जिसमें हर साल पेरेंट्स अपने बच्चों का एडमिशन करवाने के लिए प्रयास करते हैं। इसमें कक्षा एक में एडमिशन कराने के लिए आधिकारिक वेबसाइट kvsangathan.nic.in के जरिए रजिस्ट्रेशन करवाना होता है। दूसरी से आठवीं तक खाली सीटों की प्राथमिकता के आधार पर ऑफलाइन ऐडमिशन दिया जाता है। 9वीं में प्रवेश एडमिशन टेस्ट के आधार पर मिलता है और 11वीं का प्रवेश दसवीं के मार्क्स के आधार पर दिया जाता है।
दिल्ली पब्लिक स्कूल
दिल्ली पब्लिक स्कूल देश के सबसे प्रतिष्ठित प्राइवेट स्कूलों में से एक है। यहां नर्सरी से एडमिशन शुरू हो जाते हैं जिसके लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन फॉर्म की सुविधा उपलब्ध होती है। इंटरेक्शन टेस्ट रखे जाते हैं और मैरिट के आधार पर सिलेक्शन होता है। इसकी हर ब्रांच में प्रक्रिया अलग-अलग हो सकती है। इस स्कूल में प्राथमिकता के आधार पर नहीं बल्कि मेरिट के आधार पर प्रवेश मिलता है। जिन लोगों के भाई-बहन यहां पर पढ़ रहे हैं उन्हें भी एडमिशन मिलने में थोड़ी आसानी होती है।
किस स्कूल में क्या फायदा
KVS की सुविधाएं
- केंद्रीय विद्यालय टॉप सरकारी स्कूलों में से एक है जहां पर स्टूडेंट बहुत कम कीमत में अपनी पढ़ाई पूरी कर सकते हैं। सिंगल गर्ल चाइल्ड के लिए तो यहां पर शिक्षा पूरी तरह से मुफ्त है।
- जो लोग केंद्रीय कर्मचारी हैं अगर उनका ट्रांसफर होता है तो बच्चों को इस स्कूल में आसानी से एडमिशन मिल जाता है।
- यहां हिंदी और इंग्लिश दोनों ही भाषाओं पर बराबर ध्यान दिया जाता है ताकि बच्चे की नींव मजबूत बनाई जा सके।
- यहां सीबीएसई सिलेबस और एनसीईआरटी की किताबों से पढ़ाई होती है। देशभर में इसका सिलेबस सेम होता है।
- इस स्कूल में बच्चों को सांस्कृतिक गतिविधियों, खेल कूद और स्काउट पर भी फोकस करवाया जाता है।
DPS की सुविधाएं
- यह एक प्राइवेट स्कूल है इसलिए यहां पर लैब, लाइब्रेरी, स्मार्ट क्लासेस, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद है।
- ग्लोबल स्टैंडर्ड की किताबों से यहां बच्चों को पढ़ाई करवाई जाती है और अंग्रेजी पर विशेष जोर दिया जाता है।
- यह स्कूल निजी स्कूलों की टॉप रैंकिंग, बेहतरीन रिकॉर्ड और कॉलेज प्लेसमेंट के लिए पहचाना जाता है।
- कुछ स्कूलों में इंटरनेशनल प्रोग्राम्स और एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज का आयोजन भी होता है।
कौन सा स्कूल है बेस्ट
केंद्रीय विद्यालय और दिल्ली पब्लिक दोनों ही अपनी जगह नामी और अच्छे स्कूल है। अगर आप कम बजट में अपने बच्चों को बेहतरीन शिक्षा देना चाहते हैं तो kvs चुन सकते हैं। यहां कम बजट में बच्चों को अच्छी गुणवत्ता की शिक्षा दी जाती है। केंद्रीय कर्मचारियों के बच्चों को यहां पहले प्रवेश मिलता है। ऐसे में ट्रांसफर होने पर स्कूल बदलने की टेंशन नहीं रहती। यहां RTE का लाभ भी मिल जाता है।
अगर आप अपने बच्चों को ब्रांडेड प्राइवेट स्कूल में पढ़ाना चाहते हैं और मोटी फीस भर सकते हैं तो डीपीएस बेस्ट है। यहां पर बच्चों को आधुनिक सुविधाएं और अच्छा एक्सपोजर मिलता है। इंग्लिश पर अच्छी कमांड उन्हें कॉन्फिडेंट और फोकस्ड बनाती है। यह दोनों ही स्कूल अपनी-अपनी जगह पर बेस्ट है। जो लोग आधुनिकता के साथ जाना चाहते हैं, वह डीपीएस और जो लोग सादगी और समानता के साथ जाना चाहते हैं वह केवीएस का चयन कर सकते हैं।