जैसे ही स्टूडेंट ट्वेल्थ क्लास पास करते हैं अपने करियर को लेकर और भी गंभीर हो जाते हैं क्योंकि कॉलेज में उन्हें अपने पसंदीदा विषय को चुनकर अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ना होता है। इस दौरान कई लोग मेडिकल सेक्टर को चुनते हैं, क्योंकि यह सेक्टर सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। कई युवा नर्सिंग ऑफिसर बनने का सपना देखते हैं हालांकि इसे लेकर उनके मन में कई तरह की कन्फ्यूजन होती हैं। युवाओं के मन में सवाल उठता है कि आखिर नर्सिंग ऑफिसर बनने के लिए क्या योग्यताएं होनी चाहिए और कैसे नर्सिंग की पढ़ाई की जाती है। अगर आप भी इसी तरह कन्फ्यूज हैं और जानना चाहते हैं तो हम आपको इसकी पूरी जानकारी दे रहे हैं।
सबसे पहले बता दें कि नर्सिंग ऑफिसर बनने के लिए आपका मेडिकल सेक्टर में इंटरेस्ट होना जरूरी है। इसके बाद आपको नर्सिंग की पढ़ाई को चुनना चाहिए। नर्सिंग की पढ़ाई करने के दो विकल्प होते हैं बीएससी नर्सिंग या जीएनएम डिप्लोमा। इन दोनों ही रास्तों से आप नर्सिंग ऑफिसर बन सकते हैं। चलिए एक-एक करके हम इन दोनों कोर्स पर नजर डालते हैं।
कितने साल का कोर्स होता है?
सबसे पहले बीएससी नर्सिंग की बात की जाए तो बता दें कि यह 4 साल का कोर्स होता है। यह एक डिग्री ओरिएंटेड कोर्स होता है, जिसे आप किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से कर सकते हैं। लेकिन जीएनएम 3 साल का एक डिप्लोमा कोर्स होता है, जिसमें आपको बुनियादी ट्रेनिंग मिलती है।
इसके बाद आपको करना होगा यह काम
आपके करियर की शुरुआत इन दोनों कोर्सों को ले लेने से नहीं होती है। बता दें कि इसके बाद आपको इन्हें अच्छे नंबर से पूरा करना होता है। इस कोर्स को पूरा करने के बाद आपको राज्य या भारतीय नर्सिंग काउंसिल में नर्स और मिडवाइफ के रूप में पंजीकरण करवाना होता है। बिना पंजीकरण के कोई भी उम्मीदवार नर्सिंग की नौकरी के लिए योग्य नहीं माना जाता है। समय-समय पर नर्सिंग की नौकरी के लिए भर्ती की प्रक्रिया की जाती है। सरकारी अस्पतालों और एम्स जैसे संस्थानों में भी नर्सिंग ऑफिसर की नियुक्ति बड़ी मात्रा में की जाती है। इनमें NORCET जैसी बड़ी परीक्षाएं लेकर नर्सिंग के विद्यार्थियों को मौका दिया जाता है, हालांकि कई राज्य अपनी अलग-अलग नर्सिंग भर्ती परीक्षाएं भी लेते हैं।
परीक्षा में इस तरह के सवाल पूछे जाते हैं
इन बड़ी परीक्षाओं में नर्सिंग के विद्यार्थियों के नॉलेज को जाना जाता है, जिनमें मरीजों की देखभाल, नर्सिंग से जुड़े विषय, दवाइयों का ज्ञान, आपात स्थिति में कैसे काम किया जाता है और चिकित्सा तकनीक के बारे में मुश्किल प्रश्न पूछे जाते हैं। अगर उम्मीदवार यह परीक्षा पास कर लेते हैं तो मेरिट के मुताबिक उन्हें दस्तावेज सत्यापन और इंटरव्यू पर बुलाया जाता है। इन दोनों ही चरणों को पास करने के बाद उम्मीदवार को बड़े संस्थानों में नौकरी दी जाती है।
इन बातों का रखें ध्यान
अगर आप भी नर्सिंग ऑफिसर बनना चाहते हैं तो याद रखें कि पढ़ाई के साथ-साथ जरूरी कौशल पर भी ध्यान दें। मरीज को कैसे ट्रीट किया जाता है, आपात स्थिति में कैसे निर्णय लिया जाता है, टीमवर्क कैसे किया जाता है इन सभी स्किल्स को अच्छे से सीखें, क्योंकि इमरजेंसी में यह चीजें बेहद काम आती हैं। आप एक नर्सिंग ऑफिसर के तौर पर इन चुनौतियों का सामना कर सकते हैं, लेकिन अगर आप मानसिक रूप से मजबूत हैं और आपने पढ़ाई अच्छे से की है तो आप आसानी से इन नौकरियों को हासिल कर पाएंगे।





