नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। UGC ने UG और PG पाठ्यक्रम (UG-PG Courses) की सूची घोषित कर दी है। इसके अलावा कहा गया कि इसी के अनुसार अधिसूचना में जारी किसी भी कोर्स को छोड़कर अन्य कोई भी डिग्री कोर्स (Degree courses) हो। उसे गैर मान्यता प्राप्त माना जाएगा। UG सिलेबस बैचलर ऑफ़ फैशन टेक्नोलॉजी सहित बैचलर ऑफ स्पोर्ट्स मैनेजमेंट, मास्टर ऑफ स्पोर्ट्स मैनेजमेंट और मास्टर ऑफ फैशन टेक्नोलॉजीm बैचलर ऑफ सोवा -रिग्पा मेडिसिन एंड सर्जरी पढ़ने डिग्री कोर्स की भी घोषणा की है।
इसके अलावा UGC ने जो कोर्स जारी की है। उसे मेडिकल और सर्जरी के अलावा इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी, आर्किटेक्ट, मास्टर ऑफ फैशन मैनेजमेंट, बैचलर ऑफ अर्बन डिजाइन एवं मास्टर ऑफ अर्बन डिजाइन जैसे नवीन कोर्स भी शुरू किए गए हैं। इसके अलावा स्पोर्ट्स क्षेत्र को बेहतर करने के लिए बेस्ट ऑफ स्पोर्ट्स मैनेजमेंट सहित मास्टर ऑफ स्पोर्ट्स मैनेजमेंट और Sports से कोर्स तैयार किए जाएंगे।
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UGC द्वारा स्वीकृत नए डिग्री पाठ्यक्रमों की सूची यहां दी गई है
मेडिसिन एंड सर्जरी
- बैचलर ऑफ सोवा रिग्पा मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएसआरएमएस)
- इंजीनियरिंग/प्रौद्योगिकी/वास्तुकला/डिजाइन
- बैचलर ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (बीएफटेक)
- फैशन प्रौद्योगिकी के मास्टर (एमएफटेक)
- फैशन प्रबंधन के मास्टर (एमएफएम)
- शहरी डिजाइन स्नातक (बीयूडी)
- शहरी डिजाइन के मास्टर (एमयूडी)
खेल
- खेल प्रबंधन में स्नातक (बीएसएम)
- खेल प्रबंधन के परास्नातक (एमएसएम)
- खेल विज्ञान स्नातक (बीएसएस)
- खेल विज्ञान के मास्टर (एमएसएस)।
- इस बीच, मास्टर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन (एमसीए) की कोर्स अवधि तीन से घटाकर दो साल कर दी गई
- बैचलर ऑफ ऑक्यूपेशनल थेरेपी (बीओटी) कोर्स की अवधि बढ़कर साढ़े चार साल हो गई।
PhD Course
इसके अलावा ऐसे उम्मीदवार जो PhD करना चाहते हैं। उन्हें विश्वविद्यालय यह राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा में प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा नए नियम का मसौदा तैयार किया जा रहा है। जिसे स्नातक और स्नातकोत्तर के बाद पीएचडी में शामिल होने वाले उम्मीदवारों के लिए परीक्षा अनिवार्य की जाएगी।
मसौदा तैयार करने वाली समिति के सदस्य पी दुरईसामी का कहना है कि नियम अप्रैल महीने तक लागू कर होने की संभावना है। जिसके बाद इसे अपलोड किया जाएगा। वही मसौदे के मुताबिक 1 साल तक होने वाले M.phil की उपाधि को भी पूरी तरह से रद्द कर दिया गया है। एक बार नियम लागू होने के साथ राज्य में विश्वविद्यालय एम. फिल की डिग्री प्रदान करने में सक्षम नहीं हो सकेंगे।
वही पीएचडी प्रवेश के लिए मसौदा नियम 2016 और 18 में जो संशोधन किया गया था। जिसे हटाने की पेशकश की गई थी। इसे हटा दिया गया है। वहीं उम्मीदवारों के शोध का मूल्यांकन किया गया है और डिग्री के लिए सिफारिश की गई है।
- इसके अलावा 4 साल के स्नातक पाठ्यक्रम और 7.5 या उससे अधिक सीजीपीए का आंकड़ा प्राप्त करने वाले उम्मीदवार को सीधे पीएचडी में प्रवेश दिया जा सकेगा।
- महिलाओं को पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए 2 अतिरिक्त वर्षों की अनुमति दी जा सकती है।
- इसके अलावा पीएचडी में प्रवेश के लिए उम्मीदवारों को 60% अंक हासिल करना होगा। जिन्होंने नेट क्वालीफाई किया और 40% गया नेट वालों के लिए प्रदान किया जाएगा।
- हालांकि इन दोनों में रिक्तियों के आधार पर दूसरे खंड के उम्मीदवारों को प्रवेश दिया जा सकते हैं।
- वही पीएचडी के नियम सभी राज्य केंद्र निजी और डीम्ड विश्वविद्यालय पर भी लागू होंगे।